15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) के लिए जोहान्सबर्ग में मौजूद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन, बुधवार 23 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
दोनों नेताओं ने रक्षा, कृषि, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य और संरक्षण के संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग का जायजा लिया. यह मुलाकात ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई
रामफोसा से मुलाकात के बाद मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ एक उत्कृष्ट बैठक हुई. हमने भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंधों को गहरा करने के उद्देश्य से कई मुद्दों पर चर्चा की."
उन्होंने कहा, "व्यापार, रक्षा और निवेश संबंधों को हमारी चर्चाओं में प्रमुखता से शामिल किया गया. हम ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे."
रामफोसा के साथ द्विपक्षीय वार्ता शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की जाने वाली कई अपेक्षित बैठकों में से एक है.
द्विपक्षीय बैठकों के लिए पीएम का कार्यक्रम अभी भी बनाया जा रहा है और विशिष्ट जानकारी प्रदान करने से परहेज करते हुए उन्होंने कहा कि एक अधिक व्यापक कार्यक्रम का पालन किया जाएगा.विनय क्वात्रा, विदेश सचिव
भारतीय प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के दो सत्रों में भी हिस्सा लेंगे:
विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि एक बंद पूर्ण बैठक में अंतर-ब्रिक्स सहयोग से संबंधित वस्तुओं के साथ-साथ बहुपक्षीय प्रणाली (Multilateral System) के सुधार और आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की संभावना है.
एक ओपन मीटिंग में ब्रिक्स से जुड़ी अन्य संस्थाओं और संगठनों की भागीदारी होगी, जिसमें न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष और ब्रिक्स महिला बिजनेस एलायंस के अध्यक्ष शामिल हैं.
विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि प्रतिभागियों के "चल रही भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच वैश्विक आर्थिक सुधार, सतत विकास लक्ष्यों (sustainable development goals), महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के साथ-साथ वैश्विक दक्षिण की चिंताओं और हितों और प्राथमिकताओं को संबोधित करने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की संभावना है."
इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि क्या पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत करेंगे, अगर ऐसा होता है तो यह पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर उनकी त्वरित बातचीत के बाद पहली बार होगा.
हालांकि, किसी भी तरफ से आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता का सुझाव नहीं दिया गया है, इसकी संभावना अभी है और विदेश सचिव क्वात्रा ने इससे इनकार नहीं किया है.
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