प्रभु ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि बच्चे के रोने पर ब्रिटिश एयरवेज ने हिंदुस्तानी परिवार को विमान से ही कैसे उतार दिया.
ब्रिटिश एयरवेज पर आरोप है कि उसने एक भारतीय परिवार को सिर्फ इसलिए विमान से उतार दिया क्योंकि उनका 3 साल का बच्चा फ्लाइट के दौरान रोने लगा. ब्रिटिश एयरवेज भी इस मामले की जांच करा रही है.
ट्रांसपोर्ट मंत्रालय में सीनियर अधिकारी ए पी पाठक का आरोप है कि 23 जुलाई वो ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान बीए 8495 से बर्लिन से लंदन जा रहे थे. उनके साथ उनका तीन साल का बच्चा भी था. फ्लाइट के दौरान वो रोने लगा. पहले उन्हें धमकी दी गई कि बच्चे को चुप कराएं वरना उन्हें विमान से उतार दिया जाएगा. लेकिन बच्चा चुप नहीं हुआ तो विमान के कर्मचारियों ने उनके साथ दुर्व्यहार किया और नस्लवादी रवैया अपनाते हुए उन्हें और साथ बैठे कुछ अन्य भारतीयों को विमान से उतार दिया
पाठक 1984 के भारतीय इंजीनियरिंग सेवा अधिकारी हैं. और अभी ट्रांसपोर्ट मंत्रालय में है. उन्होंने इस मामले की शिकायत विमानन मंत्री सुरेश प्रभु से शिकायत से भी की जिसके बाद विमानन मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं.
जब उनकी पत्नी बच्चे को चुप कराने की कोशिश कर रही थी तो क्रू का एक सदस्य उन पर चिल्लाने लगा. अधिकारी ने लिखा, ‘उसने मेरे बेटे को डांटा जिससे वह डर गया और रोने लगा.’ पत्र में दावा किया गया है कि बाद में दोबारा उसने आकर बच्चे पर चिल्लाते हुए बोला कि अगर वह चुप नहीं हुआ तो उसे विमान से बाहर फेंक दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि कुछ देर बाद विमान को वापस एयरपोर्ट लाया गया. और उनके परिवार समेत दूसरे कुछ भारतीयों को भी उतार दिया गया. जो उनकी सीट के पीछे बैठे हुए थे. इन लोगों ने बच्चे को बिस्किट देकर चुप कराने की कोशिश की. इसलिए उन भारतीयों को भी विमान से बाहर निकाल दिया गया.
ब्रिटिश एयरवेज ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. एयरलाइन के प्रवक्ता के मुताबिक, ‘एयरलाइंस इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेती है और किसी भी किस्म का भेदभाव सहन नहीं करते. इसलिए हमने जांच शुरू कर दी है और एयरलाइंस सीधे यात्री के बात कर रही है.
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