लंदन के मेयर सादिक खान ने अपने ही देश की सरकार को आईना दिखाया है. खान ने कहा है कि जालियांवाला बाग नरसंहार के लिए ब्रिटिश सरकार को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने इसे ऐसी ट्रैजिडी करार दिया, जो कभी भुलाई नहीं जा सकती.
माफी मांगने का वक्त आ गया है
सादिक खान ने कहा कि वो वक्त आ गया है, जब ब्रिटिश सरकार को 1919 में अमृतसर के जालियांवाला बाग में किए गए नरसंहार के लिए भारत से माफी मांग लेनी चाहिए. अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का दर्शन करने आए लंदन के मेयर ने विजिटर बुक में लिखा:
वक्त आ गया है कि ब्रिटिश सरकार इसके लिए माफी मांगे. जालियांवाला बाग को देखना हिला देने वाला अनुभव था. जो यहां मारे गए थे, मेरी भावनाएं उनके साथ हैं. मेरा जालियांवाला आना जरूरी था. हम सबको इतिहास पता है.सादिक खान
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सादिक खान के इस सुझाव का समर्थन किया. अमरिंदर ने कहा, “मैंने खान के बयान को सुना है. मुझे जालियांवाला बाग हत्याकांड पर उनकी भावनाएं जान कर खुशी हुई. माफी मांगने का सुझाव ब्रिटिश सरकार के कार्यकर्ता की ओर से आया है. अगर ऐसा हुआ तो यह ब्रिटेन और भारत के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा. इससे आजादी की जंग में चोट खाए लोगों के जख्मों पर मरहम लगेगा.”
सादिक खान के दादा भारत में पैदा हुए थे. आजादी के वक्त विभाजन के दौरान खान के माता-पिता पाकिस्तान चले गए. बाद में वे ब्रिटेन में बस गए थे.
महारानी ने श्रद्धांजलि दी, लेकिन माफी नहीं मांगी
1997 में महारानी एलिजाबेथ ने अमृतसर में जालियांवाला बाग पर बने शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी. 2013 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी इस स्मारक पर आए थे. उन्होंने विजिटर्स बुक में लिखा था कि यह ब्रिटिश इतिहास की एक शर्मनाक घटना थी. लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इस पर माफी नहीं मांगी थी.
क्या हुआ था जालियांवाला बाग में
13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी के दिन अमृतसर के जालियांवाला बाग में ब्रिटिश सरकार के रॉलेट एक्ट के खिलाफ सभा हो रही थी. यह बाग चारों ओर बंद था. आने-जाने के लिए सिर्फ एक संकरा रास्ता था. इसी रास्ते अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने तोप गाड़ियां लगवा दी थीं और भीड़ पर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी. इसमें महिलाओं और बच्चों समेत 379 लोग मारे गए थे. अधिकृत सूत्रों के मुताबिक 1000 लोगों की मौत हुई थी और 2000 लोग घायल हुए थे.
सादिक खान इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. पाकिस्तानी मूल के सादिक को लंदन में खासी लोकप्रियता हासिल है. उन्हें प्रगतिशील विचारों के लिए जाना जाता है.
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