जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ मुखर रहीं ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को 17 फरवरी को भारत में एंट्री नहीं दी गई. अब्राहम्स का ई-वीजा रद्द कर दिया गया था. उनका वीजा 5 अक्टूबर 2020 तक वैध था, लेकिन उन्हें भारत में प्रवेश नहीं दिया गया. अब उनका वीजा रद्द होने का कारण सामने आ गया है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, डेबी अब्राहम्स का ई-बिजनेस वीजा उनके भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण रद्द किया गया था. सूत्रों ने बताया है कि वीजा कैंसल किए जाने की जानकारी डेबी को 14 फरवरी को ही दे दी गई थी.
सूत्रों का कहना है कि वीजा देना, वापस लेना या रद्द कर देना किसी भी देश का स्वतंत्र अधिकार है. अब्राहम्स को पिछले साल 7 अक्टूबर को ई-बिजनेस वीजा जारी किया गया था. इसकी वैधता 5 अक्टूबर 2020 तक थी और ये बिजनेस मीटिंग में शामिल होने के लिए दिया गया था.
सूत्र बताते हैं कि ई-बिजनेस वीजा का इस्तेमाल परिवार या दोस्तों से मिलने आने के लिए नहीं किया जा सकता. अब्राहम्स ने बताया था कि वो भारत किसी रिश्तेदार से मिलने आईं थीं. इसके अलावा यूके के लोगों के लिए ‘वीजा ऑन अराइवल’ का प्रावधान नहीं है.
अब्राहम्स का दावा- एयरपोर्ट पर हुई बदसलूकी
दिल्ली एयरपोर्ट पर देश में एंट्री करने से रोकीं गईं डेबी अब्राहम्स ने एक बयान में कहा था कि उनसे अपराधी जैसा व्यवहार किया गया. उन्होंने बताया था कि एयरपोर्ट पर एक अधिकारी ने उनका पासपोर्ट लिया और 10 मिनट के लिए गायब हो गया था. अब्राहम्स ने कहा, "जब वो वापस आया तो बहुत असभ्य और आक्रामक हो गया और चिल्लाकर मुझे अपने साथ आने को कहा."
आर्टिकल 370 हटाए जाने का किया था विरोध
डेबी अब्राहम्स भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के कदम की मुखर विरोधी रही हैं. 5 अगस्त 2019 को जब आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए गए तो उसके कुछ दिन बाद अब्राहम्स ने यूके में भारत के हाईकमिश्नर को खत लिखकर विरोध जताया था.
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