विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि अंग्रेजों ने भारत में 200 साल तक शासन किया और वे यहां से 45 ट्रिलियन डॉलर ले गए. उन्होंने ये भी कहा कि भारत को पश्चिम देशों की वजह 200 साल तक अपमान और कष्ट झेलने पड़े.
विदेश मंत्री जयशंकर ने ये बात वॉशिंगटन डीसी में अटलांटिक काउंसिल की बैठक में कहीं.
‘एक साल पहले आर्थिक आकलन में ये जानने की कोशिश की गई थी कि अंग्रेजों ने भारत की अर्थव्यवस्था से कितना छीन लिया. इस आकलन में सामने आया कि ब्रिटिश भारत से 45 ट्रिलियन डॉलर की रकम ले गए.’एस जयशंकर, विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने ये आंकड़े अर्थशास्त्री उत्सव पटनायक की इकनॉमी स्टडी रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर बताए हैं. कोलंबिया यूनिवर्सिटी की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक- ब्रिटिशों ने भारत की कम से कम 44.6 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की पूंजी कम कर दी. ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में एक्सचेंज रेट 4.8 अमेरिकी डॉलर प्रति पाउंड था.
इससे पहले यूपी के सीएम योगी भी भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट के लिए अंग्रेजों और मुगलों को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं.
'इकनॉमी की बदहाली के लिए मुगल-अंग्रेज जिम्मेदार'
27 सितंबर को मुंबई में आयोजित वर्ल्ड हिंदू इकनॉमी फॉर्म में सीएम योगी ने कहा था कि मुगलों के समय भारतीय इकनॉमी 36 फीसदी थी, अंग्रेजों के आने के बाद ये घटकर 20 फीसदी पर आ गई और अंग्रेजों ने इसे चार फीसदी तक पहुंचा दिया.
योगी ने कहा था, 'मुगलों के हमले से पहले भारतीय इकनॉमी दुनिया की कुल आर्थिक ताकत की 36 फीसदी से ज्यादा थी. मुगलों के पतन और अंग्रेजों के आगमन के बाद भारतीय इकनॉमी घटकर 20 फीसदी तक आ गई. इसके बाद अंग्रेजों ने भारत की इस ताकत को चार फीसदी तक पहुंचा दिया.'
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)