घाटी के सभी अस्पतालों में 31 दिसंबर के रात 12 बजे से इंटरनेट सर्विस बहाल कर दी गई है. इसके साथ ही मोबाइल फोन पर SMS भी शुरू हो गई है. जम्मू-कश्मीर के आधिकारिक प्रवक्ता रोहित कंसल ने 31 दिसंबर (2019) को इसका ऐलान किया था.
सरकार ने ट्रक चालकों को भी नए साल का तोहफा देने का फैसला किया है. कंसल ने बताया है कि लखनपुर पोस्ट पर अब सामान का टोल नहीं लगेगा. इसे हटाने की मांग ट्रक चालक बहुत समय से कर रहे हैं. ऑल जम्मू एंड कश्मीर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने इसे लेकर 2019 की शुरुआत में हड़ताल भी की थी.
5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से पूरे जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट और SMS सेवा बंद पड़ी है.
कारगिल में इंटरनेट शुरू
लद्दाख के कारगिल जिले में शुक्रवार, 27 दिसंबर को मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. कारगिल में 145 दिनों के बाद इंटरनेट चालू किया गया है. आर्टिकल 370 हटने के बाद 5 अगस्त से मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था. अक्टूबर में 15 दिन के लिए इंटरनेट फिर चालू किया गया था, लेकिन इसके बाद इसे फिर से बंद कर दिया गया.
PDP के 2, NC के 2 विधायक रिहा
आर्टिकल 370 को हटाने के बाद से राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में लिया गया था, जो अब भी हिरासत में हैं. इसके साथ ही कई पार्टियों के 35 विधायकों को भी हिरासत में लिया गया है. अब खबर है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के 2 विधायक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 2 विधायक और एक निर्दलीय विधायक को रिहा कर दिया गय है. सूत्रों के मुताबिक, रिहा हुए नेताओं में इशफाक जब्बार, गुलाम नबी बट, बशीर मीर, जहूर मीर और यासीर रेशी शामिल हैं.
फारूक अब्दुल्ला की हिरासत 3 महीने के लिए बढ़ी
इससे पहले दिसंबर में जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ लगाए गए जन सुरक्षा कानून(पीएसए) को तीन और महीने यानी मार्च, 2020 तक बढ़ा दिया गया. अब्दुल्ला पर 17 सितंबर को पीएसए लगाया गया था, जो श्रीनगर में यहां लगातार अपने घर पर हिरासत में हैं, जिसे उप-जेल घोषित कर दिया गया है.
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