सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने दिल्ली हिंसा के कवरेज के लिए मलयालम चैनल एशियानेट न्यूज और मीडिया वन पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी गई है. दोनों चैनल का प्रसारण 6 मार्च की शाम 7.30 बजे से बंद है और अब प्रसारण 8 मार्च को शाम 7.30 बजे से फिर शुरू होगा. इस मामले में मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि दोनों चैनलों का कवरेज दिल्ली हिंसा को लेकर एक तरफा था.
मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि एशियानेट न्यूज और मीडिया वन का कवरेज हिंसा के प्रति उत्तेजक था. चैनल ने आरएसएस और दिल्ली पुलिस की आलोचना भी की, इससे एक विशेष समुदाय जो सीएए का सर्मथन कर रहा था उन्हें भड़का सकता था. मंत्रालय ने ये भी आरोप लगाया कि,
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा की रिपोर्टिंग के दौरान पूजा स्थलों पर हमले की खबर दिखाई गई. चैनल ने जानबूझकर सीएए समर्थकों की बर्बरता पर ध्यान केंद्रित किया और गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के लिए दिल्ली पुलिस को दोषी ठहराया.
आगजनी और पथराव की खबर प्रसारित की गईं
मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि चैनल ने मुस्लिम बहुल इलाके दिल्ली के चांद बाग की हिंसा की खबरें खूब प्रसारित की. प्रसारण के दौरान चैनल ने पथराव, आगजनी और घायल लोगों को अस्पताल ले जाने की खबर को दिखाया. ये रिपोर्ट हिंसा भड़का सकती थी और कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरा पैदा कर सकती थी. ये प्रसारण उस वक्त दिखाया गया जब इलाके में स्थिति अधिक अस्थिर थी.
मंत्रालय ने कहा जाफराबाद हिंसा के दौरान पत्रकार पीआर सुनील ने अपनी रिपोर्टिंग में पुलिस को मूकदर्शक बताया था इसलिए एशियानेट न्यूज पर प्रतिबंध लगाया गया.
दोनों चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के तहत दो नियमों का हवाला देते हुए रोक लगाया गया है.
वहीं, दोनों चैनलों पर रोक लगाने को लेकर केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने विरोध करने का ऐलान किया है. 7 फरवरी को ये नई दिल्ली में केरल हाउस पर इकट्ठा होंगे और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे.
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