रुटीन अभ्यास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति 'असम्मान' दिखाने वाले बीएसएफ के एक जवान को बीएसएफ ने सात दिन के वेतन कटौती की सजा दी थी. लेकिन प्रधानमंत्री ने बुधवार बीएसएफ को निर्देश दिया कि वह तुरंत यह आदेश वापस ले. इसके बाद जवान को राहत मिली.
क्या है मामला
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में तैनात बीएसएफ की 15वीं बटालियन के कॉन्स्टेबल संजीव कुमार को उनके कमांडिंग अफसर ने बीते 21 फरवरी को सुबह के अभ्यास के दौरान ‘मोदी प्रोग्राम' जैसे शब्द का इस्तेमाल करने का दोषी पाया था. यूनिट के सीओ कमांडेंट अनूप लाल भगत ने आदेश जारी कर प्रधानमंत्री के प्रति असम्मान जताने के लिए जवान पर सात दिन की वेतन कटौती का जुर्माना लगाया था, जिसका मतलब है वेतन में से एक हफ्ते के पैसे की कटौती.
मोदी ने जाहिर की नाराजगी
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस घटना की खबर लगी, तो उन्होंने जवान के वेतन काटे जाने पर नाराजगी जताई. बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा:
‘‘प्रधानमंत्री ने नाराजगी जाहिर की और बीएसएफ को निर्देश दिया कि वह जुर्माने को तुरंत वापस लें. इसके बाद आदेश को रद्द कर दिया गया और मामले पर समझदारी से नहीं निबटने के लिए बीएसएफ के संबंधित कमांडेंट को आगाह किया गया.’’प्रवक्ता, बीएसएफ
अधिकारियों ने बताया कि जीरो परेड या अपनी ऑफिशियल गतिविधियों के बारे में सीनियर अधिकारियों को जानकारी देने वाली रुटीन रिपोर्टिंग असेंबली के दौरान जवान ने एक कार्यक्रम का जिक्र किया था, जिसमें वह शामिल हुआ था.
इस कार्यक्रम को उसने ‘मोदी कार्यक्रम' कहा था. उन्होंने बताया कि सीओ ने प्रधानमंत्री के प्रति जवान की इस टिप्पणी को गलत पाया और उसके खिलाफ जांच का आदेश दिया. अधिकारियों ने बताया कि जांच एक दिन में पूरी हो गई और इसमें कॉन्स्टेबल संजीव कुमार को दोषी माना गया.
(इनपुट: भाषा)
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