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J-K: सुरक्षाबलों की कार्रवाई के खिलाफ अलगाववादियों ने बुलाया बंद

मुठभेड़ जब चल रही थी, तभी कई लोग वहां पहुंच गए और पथराव करने लगे. इस पर उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प होने लगी.

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भारत
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जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना के जवानों को आतंकियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों से भी संघर्ष करना पड़ा. लेकिन अब सुरक्षाबलों की कार्रवाई के खिलाफ अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया है.

दरअसल, एनकाउंटर के दौरान स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने कार्रवाई की, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है और 18 लोग घायल हुए हैं. मारे गए नागरिकों में सभी युवा हैं.

अलगाववादियों ने बुलाया बंद

अलगाववादियों ने बडगाम जिले में मुठभेड़ स्थल के निकट प्रदर्शन के दौरान तीन नागरिकों की मौत के खिलाफ बुधवार को आम हड़ताल का आह्वान किया है और घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

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क्‍या है पूरा मामला

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद दरबाग इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया. इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.

मुठभेड़ जब चल रही थी, तभी कई लोग वहां पहुंच गए और वो पथराव करने लगे. इस पर उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प होने लगी.

ये पहला मौका नहीं है, जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया है. इन पर आतंकियों से सहानुभूति रखने का आरोप है. इस पत्थरबाजी का फायदा उठाकर आतंकी भाग निकलते हैं.
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मुठभेड़ जब चल रही थी, तभी कई लोग वहां पहुंच गए और पथराव करने लगे. इस पर उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प होने लगी.
(फोटो: AP)

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लोगों की मौत को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा:

पिछले तीन दशक की हिंसा के कारण कश्मीर को बेहद नुकसान हुआ है. हम जानते हैं कि बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान जरूरी है, लेकिन हिंसा अगर रोज की आदत बन जाती है, तो कोई भी कुछ नहीं कर पाएगा. अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सभी को संयम बरतने की जरूरत है और असहमति का प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.

वहीं नेशनल कॉन्‍फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने ‘चिंताजनक स्थिति’ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए सभी पक्षों से बातचीत की वकालत की. उन्होंने कहा:

बातचीत का कोई विकल्प नहीं है. राजनीतिक मुद्दे को ईमानदारी से सुलझाने के लिए आपको कश्मीर के लोगों और सभी तरह के विचार रखने वाले सभी पक्षों से बात करनी होगी.

जम्‍मू-कश्‍मीर में ये मामला अभी और गरमाने की आशंका है. प्रदेश के बाहर भी इस पर राजनीति होना तय है.

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