केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई छूट नहीं देने का ऐलान किया. लेकिन सैलरी पर निर्भर मिडिल क्लास को राहत देने के क्रम में 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की घोषणा की है. लेकिन ट्रांसपोर्ट और मेडिकल पर जो टैक्स की छूट मिलती थी वो नहीं मिलेगी. ऐसे समझिए-
- स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलने वाली छूट- 40,000
- ट्रांसपोर्ट और मेडिकल पर टैक्स में छूट वापस लिया गया- 34, 200
ऐसे में स्टैंडर्ड डिडक्शन के बावजूद सैलरी वाले लोगों को टैक्स में 5,800 रुपये की छूट का ही फायदा मिल सकेगा.
टैक्स स्लैब:
सेस में 1 फीसदी की बढ़ोतरी
आम आदमी के लिए झटके की बात करें तो स्वास्थ्य और शिक्षा में सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया है. इससे सरकार को व्यक्तिगत करदाताओं से 11,000 करोड़ रुपये ज्यादा हासिल होंगे. इस सेस को अब स्वास्थ्य और शिक्षा सेस नाम दिया गया है.
इतना ही नहीं, मोबाइल ,एलईडी जैसी चीजों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है. सीधा असर आपकी मोबाइल, टीवी और दूसरे गैजेट की कीमतों पर पड़ेगा.
सीनियर सिटिजन को मिली है राहत
बजट में बुजुर्गों के लिए राहत भरी खबर है. सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस छूट 1 लाख रुपए होगी. बैंकों डिपॉजिट में ब्याज से हुई आमदनी पर 10 हजार रुपये से छूट बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है. साथ ही जो लोग माता-पिता की सेवा करते हैं उन्हें छूट दी जाएगी.
कॉरपोरेट टैक्स की रेट घटाई गई
वित्तमंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स की रेट घटा कर 25 फीसदी कर दी है. ये उन कंपनियों पर लागू होगा, जिनका कारोबार 250 करोड़ रुपये तक है. वित्तमंत्री ने कहा कि इसके दायरे में 99 फीसदी तक कंपनियां आएंगी. इससे सरकार की कमाई में 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. देश में केवल 250 कंपनियां हैं, जिनका सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपये से अधिक है। साथ ही कंपनियों के लिए भी आधार कार्ड बनाने का प्रावधान किया गया है.
उदाहरण के लिए 5 लाख रुपये सालाना की सैलरी पर ‘गणित’ समझते हैं
उदाहरण के लिए 25 लाख रुपये सालाना की सैलरी पर ‘गणित’ समझते हैं
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