मोदी सरकार के बजट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा है कि सबसे जरूरी मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन सरकार के इस बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखा जिसके युवाओं को रोजगार मिले. उन्होंने कहा कि यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण हो सकता है. लेकिन इसमें कुछ ठोस नहीं था. इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है.
राहुल गांधी ने कहा-
भारत के सामने आज मुख्य मुद्दा बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की हालत है. इसपर कोई केंद्रीय ठोस रणनीतिक योजना इस बजट में नहीं थी. इतिहास में सबसे लंबा बजट था, लेकिन उसमें कुछ था नहीं, खोखला था.
अखिलेश ने बजट को कहा दिवालिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बजट की आलोचना की है, उन्होंने ने कहा है कि दिवालिया सरकार का दिवालिया बजट गरीबों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आएगा.
शिक्षा के क्षेत्र में भी युवकों के लिए कोई खास योजना नहीं है.
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा था, ''किसानों की आय दोगुना करने का वित्त मंत्री का दावा खोखला है और तथ्यात्मक वास्तविकता से परे है. कृषि विकास दर दो फीसदी हो गयी है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा- एक अच्छी चीज शायद आयकर में दी गई छूट हो सकती है. 12.5 लाख के नीचे की आय वाले मध्यम वर्गीय परिवारों को इससे राहत मिलेगी. उसके अलावा बजट में कुछ खास नहीं लगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सत्र 2020-2021 के लिए संसद में बजट पेश कर दिया है. बतौर वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण का ये दूसरा बजट है. सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव किए हैं. लेकिन 5 लाख से लेकर 15 लाख तक की इनकम वालों के लिए सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं. 5 लाख तक की इनकम पर पहले की तरह की कोई टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन टैक्स स्लैब वैकल्पिक होगा. अगर कोई ये टैक्स स्लैब अपनाता है तो उसको टैक्स पर मिलने वाली 70 तरह की छूट छोड़नी पड़ेगी.
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