वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2021-22 को लेकर देश के आम लोगों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है. केंद्रीय बजट को जनता से कम अप्रूवल वाली रेटिंग मिली है. आईएएनएस सी-वोटर बजट इंस्टापोल में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी मिली है.
सर्वे में लोगों ने जताई निराशा
देश के लोग कोविड-19 महामारी के असर के बाद स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मोर्चे पर सरकार से और अधिक राहत के उपायों की उम्मीद कर रहे थे, मगर सर्वे में सामने आए नतीजों के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लाखों लोगों को निराश किया है. इसका मुख्य कारण यह है, क्योंकि केंद्रीय बजट 2021 में आम नागरिकों के लिए आयकर स्लैब में कोई बदलाव की घोषणा नहीं की गई है.
सर्वेक्षण के अनुसार, 20,000-50,000 रुपये महीने के बीच कमाने वाले लोगों ने बजट को सही बताया. संसद में वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट के लाइव टेलीकास्ट के ठीक बाद सर्वेक्षण किया गया था. देश के विभिन्न हिस्सों में 1,200 से अधिक उत्तरदाताओं से बातचीत की गई. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि वह सोमवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट को कितना रेटिंग देंगे.
कम कमाई वाले लोगों ने दी कम रैंकिंग
लोगों से कहा गया कि वह इस बजट को लेकर 0 से लेकर 10 के बीच रेटिंग दें. इसके बाद 20,000 से 50,000 के बीच आय समूह के लोगों से कुल मिलाकर 6.39 रेटिंग या अंक प्राप्त हुए, जो कुल उत्तरदाताओं के आय समूहों में सबसे अधिक है.
इस बीच रेटिंग को लेकर सबसे कम आंकड़ा उन लोगों का देखने को मिला, जो मासिक तौर पर 10,000 से 20,000 रुपये कमाते हैं. इन लोगों के समूह से मिली कुल प्रतिक्रिया को आंका गया तो बजट को 5.94 अंक मिले.
सर्वेक्षण में सेवा क्षेत्र (सरकारी और निजी नौकरियां), व्यवसायी और खुद का काम करने वाले लोगों के साथ ही कृषि गतिविधियों में शामिल लोगों से भी समान प्रतिक्रियाएं मिलीं.
सरकारी कर्मचारियों ने भी दी औसत रैंकिंग
निजी सेवा वर्ग की ओर से बजट को 5.15 अंक मिले, वहीं सरकारी कर्मचारियों ने 5.37, व्यवसायी वर्ग ने 5.30 और कृषि से जुड़े लोगों ने केंद्रीय बजट को 5.18 अंक दिए.
उम्र के लिहाज से देखा जाए तो 25 साल से कम उम्र के उत्तरदाताओं से कम से कम रेटिंग मिली. इस समूह द्वारा केवल 4.97 रेटिंग ही दी गई. इस बीच 46 और 55 वर्ष की आयु के लोगों ने बजट को 5.95 रेटिंग दी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)