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बजट सत्र अभिभाषण: गुलामी के हर निशान से मुक्ति मिल रही-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी.

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(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)

संसद के पहले सत्र यानी बजट सत्र (Budget 2023) की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई. दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित कर रही हैं. बतौर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,

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सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं. सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि हमारे लिए युग निर्माण का अवसर है. हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर है और जो अपने मानवीय दायित्व को पूरा करने में समर्थ हो, जिसमें गरीबी न हो, जिसका मध्यम वर्ग भी वैभव से युक्त हो., जिसकी युवाशक्ति, नारी शक्ति समाज और राष्ट्र को दिशा देने के लिए खड़ी हो. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'जो भारत कभी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बना है. जिन सुविधाओं के लिए देश की एक बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वे इन वर्षों में उसे मिली है.'

उन्होंने सरकार की तारीफ करते हुए आगे कहा,

पहले टैक्स रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था. आज ITR भरने के कुछ ही दिनों के भीतर रिफंड मिल जाता है. आज GST से पारदर्शिता के साथ-साथ करदाताओं की गरिमा भी सुनिश्चित हो रही है
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राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, LoC से लेकर LAC तक हर दुस्साहस के कड़े जवाब तक, धारा 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है.

"सरकार ने SC/ST की आकांक्षा को जगाया"

राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की आकांक्षा को जगाया है. ये वही वर्ग है जो विकास के लाभ से सबसे अधिक वंचित था. अब जब मूल सुविधाएं इस वर्ग तक पहुंच रही हैं, तब ये लोग नए सपने देखने में सक्षम हो पा रहे हैं."

मेरी सरकार ने हर उस समाज की इच्छाओं को पूरा किया है, जो सदियों से वंचित रहा है. गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी, इनकी इच्छाओं को पूरा कर उन्हें सपने देखने का साहस दिया है. मेरी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग के लिए काम किया है. बीते कुछ वर्षों में मेरी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि अनेक मूल सुविधाएं आज या तो शत-प्रतिशत आबादी तक पहुंच चुकी हैं या फिर उस लक्ष्य के बहुत निकट हैं.

राष्ट्रपति ने आगे कहा, "जनधन-आधार-मोबाइल से फर्जी लाभार्थियों को हटाने से लेकर वन नेशन वन राशन कार्ड तक, एक बहुत बड़ा स्थाई सुधार हमने किया है. बीते वर्षों में डीबीटी के रूप में, डिजिटल इंडिया के रूप में, एक स्थाई और पारदर्शी व्यवस्था देश ने तैयार की है."

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"आयुष्मान भारत योजना ने गरीबों को और गरीब होने से बचाया"

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना ने देश के करोड़ों गरीबों को और गरीब होने से बचाया है, उनके 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचाए हैं. 7 दशकों में देश में करीब सवा तीन करोड़ घरों तक पानी का कनेक्शन पहुंचा था. जल जीवन मिशन के तहत 3 साल में करीब 11 करोड़ परिवार पाइप के जल से जुड़े हैं. 

"नॉर्थ ईस्ट और सीमावर्ती क्षेत्र, विकास की नई गति का अनुभव कर रहे हैं"

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,

नॉर्थ ईस्ट और जम्मू-कश्मीर में दुर्गम परिस्थितियों के साथ-साथ अशांति और आतंकवाद भी विकास के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी. मेरी सरकार ने स्थाई शांति के लिए भी अनेक सफल कदम उठाए हैं, और भौगोलिक चुनौतियों को भी चुनौती दी हैं.

राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, "सीमावर्ती गांवों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए मेरी सरकार ने Vibrant Villages Programme पर काम शुरू किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी सीमावर्ती क्षेत्रों में अभूतपूर्व infrastructure बीते सालों में तैयार किया गया है. इससे भी, इन क्षेत्रों में विकास को गति मिल रही है."

पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा- राष्ट्रपति

"बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं. देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है एवं महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है. यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो. मुझे यह देखकर गर्व होता है कि आज की हमारी बहनें और बेटियां उत्कल भारती के सपनों के अनुरूप विश्व स्तर पर अपनी कीर्ति पताका लहरा रही हैं."

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"गुलामी के हर निशान, हर मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत"

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,

आजादी के अमृतकाल में देश पंच प्राणों की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है. गुलामी के हर निशान, हर मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए भी मेरी सरकार निरंतर प्रयासरत है. जो कभी राजपथ था, वह अब कर्तव्यपथ बन चुका है.

राष्ट्रपति के अभिभाषण में अयोध्या का जिक्र

राष्ट्रपति ने कहा, "आज एक तरफ देश में अयोध्या धाम का निर्माण हो रहा है, तो दूसरी तरफ आधुनिक संसद भवन भी बन रहा है. एक तरफ हमने केदारनाथ धाम, काशी विश्वनाथ धाम और महाकाल महालोक का निर्माण किया, तो वहीं हर ज़िले में हमारी सरकार मेडिकल कॉलेज भी बनवा रही है."

"300 नए युनिवर्सिटी बने"

राष्ट्रपति ने कहा, "2014 से पहले जहां देश में कुल लगभग 725 विश्वविद्यालय थे, वहीं बीते केवल आठ वर्षों में 300 से अधिक नए विश्वविद्यालय बने हैं. इसी दौरान देश में पांच हजार से अधिक कॉलेज भी खोले गए हैं. 2004 से 2014 के बीच देश में जहां 145 मेडिकल कॉलेज खुले थे, वहीं मेरी सरकार में 2014 से 2022 तक 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं. मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट सीटों की संख्या अब पहले के मुकाबले देश में दोगुनी हो चुकी है."

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