बुलंदशहर में सोमवार सुबह भीड़ का वहशीपन नजर आया. जिसने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को हिंसक भीड़ ने बचने का कोई भी मौका नहीं दिया. जब भीड़ ने सुबोध कुमार को लहूलुहान कर दिया था, तब एक शख्स ऐसा भी था जो इस तांडव के बीच इंस्पेक्टर सुबोध को बचाने की पूरी कोशिश में जुटा था. उनके ड्राइवर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने अपने सीनियर को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की.
पकड़ लो,मारो-मारो की आवाजें
सुबोध कुमार सिंह की गाड़ी के ड्राइवर रामाश्रय ने इस पूरे मंजर को बयान किया है. उन्होंने बताया कि जब सुबोध कुमार बाउंड्री की तरफ गिरे थे, तब मैंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उन्हें उठाकर गाड़ी में डाला. लेकिन जैसे ही गाड़ी लेकर आगे बढ़े सैकड़ों की भीड़ सामने आ गई. भीड़ से लोगों की आवाजें आईं कि पकड़ लो मारो-मारो इन्हें. जिसके बाद सभी लोग भागने लगे. मैंने भी अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी से छलांग लगाई और गन्ने के खेत की तरफ भाग गया.
जमकर चली गोली और पत्थर
सुबोध कुमार सिंह की गाड़ी के ड्राइवर रामाश्रय के मुताबिक गाड़ी पर लोगों ने जमकर पत्थरों से हमला कर दिया. इसी गाड़ी में सुबोध कुमार भी सवार थे. लेकिन इसके बाद गोलियों की भी आवाज आई. सामने से हमारी तरफ फायर आ रहा था.
इस मामले की जांच के लिए अब एसआईटी गठित की गई है. घटना के लिए जिम्मेदार कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं कुछ लोगों की धर-पकड़ जारी है.
बता दें कि 2015 में नोएडा के पास दादरी में मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामले में सुबोध कुमार सिंह जांच अधिकारी थे. घर में गाय का मांस रखने की अफवाह के बाद भीड़ ने मोहम्मद अखलाक और उनके बेटे पर घर में घुसकर हमला कर दिया था, जिसमें अखलाक को काफी चोटें आईं. उन्हीं चोटों की वजह से अखलाक की मौत हो गई थी. इस केस में इंस्पेक्टर सुबोध गवाह नंबर-7 थे.
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