बुलंदशहर हिंसा में मारे गए युवक के परिवार ने मृतक का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. मृतक के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजा, माता-पिता को पेंशन और मृतक के भाई को पुलिस में नौकरी दिए जाने की मांग की है.
परिवार का कहना है कि जब तक सरकार मांगों को पूरा करने का आश्वासन नहीं देती, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
मृतक के परिवार की सरकार से मांगें
- सरकार मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दे
- मृतक के माता-पिता के लिए पेंशन का प्रबंध करे
- मृतक के भाई को पुलिस में नौकरी का आश्वासन दे
परिवार का कहना है कि सरकार जब तक मांगों पर लिखित में आश्वासन नहीं देती, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
हम प्रदर्शन कर रहे हैं. हम तब-तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब-तक सरकार 50 लाख रुपये मुआवजा, पेंशन और सुमित के बड़े भाई विनीत को पुलिस में नौकरी देने का लिखित आश्वासन नहीं दे देती.अमरजीत कुमार, मृतक सुमित के पिता
‘राजकीय सम्मान के साथ हो अंतिम संस्कार’
मृतक सुमित कुमार के पिता अमरजीत ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के समान ही अपने बेटे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किए जाने की भी मांग की है. सुमित (20) का शव कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे चिंगरावठी स्थित उसके घर पर लाया गया. इस दौरान बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह और स्थानीय विधायक देवेन्द्र लोधी भी मौके पर मौजूद थे.
पुलिस ने बताया कि हिंसा में गोली लगने से घायल हुए सुमित को मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मृतक के भाई ने लगाया पोस्टमार्टम में देरी का आरोपी
मृतक सुमित के भाई विनीत ने पुलिस पर पोस्टमार्टम में देरी कराने का आरोप लगाया है. विनीत ने बताया कि पोस्टमार्टम में देरी के कारण शव को घर लाने में देरी हुई. उन्होंने कहा-
‘हमारे लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए थे. पोस्टमार्टम के लिए, हमें कल (सोमवार) शाम से लेकर आज (मंगलवार) तक इंतजार करना पड़ा. हम आज करीब एक बजे के बाद मेरठ से घर के लिए निकल पाए.’
बता दें, कथित रूप से गोकशी की खबर से गुस्साई भीड़ ने पथराव करते हुए पुलिस के कई वाहनों और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी थी. मामले की सूचना मिलने के बाद कई थानों के पुलिस कर्मियों और आला अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंच स्थिति को काबू में किया था.
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