ADVERTISEMENTREMOVE AD

जम्मू कश्मीर: पुलवामा में आतंकी बुरहान वानी के पिता ने फहराया तिरंगा

जुलाई 2016 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था Burhan Wani

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सोशल मीडिया पर कश्मीर के ध्वजारोहण की जो तस्वीरों वायरल हुई हैं उनमें आतंकी बुरहान वानी (Burhan Wani) के पिता मुजफ्फर वानी (Muzaffar Wani) के एक सरकारी स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की तस्वीर भी है. 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में भारी अशांति फैल गई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुजफ्फर वानी त्राल के सरकारी स्कूल का हेडमास्टर है. स्वतंत्रता दिवस पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत केन्द्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने शिक्षा व अन्य सभी विभागों को अपने ऑफिस पर झण्डा फहराने का आदेश दिया था.

ध्वजारोहण के लिए जारी किया गया था सरकारी आदेश

सरकारी आदेश में ये कहा गया था कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी स्कूलों पर ध्वजारोहण किया जाएगा और उसकी वीडियो क्लिप गूगल ड्राइव पर शेयर की जाएगी. जम्मू कश्मीर में लगभग 23000 सरकारी स्कूल हैं लेकिन उनमें से कई स्कूलों पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम नहीं किया गया. श्रीनगर के एक क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में 120 स्कूलों में से केवल तीन स्कूलों ने ध्वजारोहण किया.

कश्मीर का सबसे बड़ा मेडिकल इंस्टीट्यूट Sher-e- Kashmir Institute of Medical Sciences में वहां के डायरेक्टर के द्वारा तिरंगा फहराया गया और फोटो में यह भी देखा गाय कि फौज का एक सीनियर अधिकारी भी उपस्थित है.
जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा स्वतंत्रता दिवस समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया गया जहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तिरंगा फहराया.

15 अगस्त पर सरकार द्वारा कोरोना से संबंधित प्रतिबंधों में भी ढील दी गई. कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद चल रहे थे लेकिन स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के लिए स्कूलों को खोला गया था. सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए फ्लैग कोड पर सर्कुलर भी जारी रखा. भारत के झंडे का फ्लैग कोड तीन रंगों में नियमों और गाइडलाइन्स को दर्शाता है. इसके पहले कश्मीर में इस तरह के राष्ट्रीय ध्वजारोहण का कार्यक्रम कभी नहीं किया गया, सरकार के द्वारा ध्वजारोहण के कार्यक्रम प्रयास इस बात को दर्शाने के लिए था कि 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर में विशेष बदलाव आए हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×