ADVERTISEMENTREMOVE AD

आतंकी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर बुलाया गया बंद, कड़ी सुरक्षा

आतंकी हमले की आशंका, घाटी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की बरसी पर एक बार फिर कश्मीर में बंद का ऐलान किया गया है. यहां मौजूद अलगाववादी संगठनों ने ये बंद बुलाया है. इस बंद को देखते हुए सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में अलर्ट जारी किया है. आतंकी बुरहान वानी की तीसरी बरसी के मौके पर किसी आतंकी हमले की भी आशंका जताई जा रही है. जिसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
कश्मीर में अलगाववादी संगठन कई मौकों पर बंद बुलाते हैं. आतंकियों की बरसी के मौके पर और सेना के खिलाफ कई बार ये संगठन घाटी में बंद बुलाते आए हैं. जिसके बाद घाटी में दुकानें और लोगों की आवाजाही लगभग पूरी तरह बंद हो जाती है

बंद की आड़ में हमले की आशंका

कश्मीर में बंद बुलाने के बाद इसकी आड़ में आतंकी हमले की आशंका जताई जा रही है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकी ऐसे मौके की तलाश में रहते हैं और पुलवामा जैसे हमले को दोहराने की कोशिश कर सकते हैं. जवानों को हर चौराहे और संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है. आतंकियों की तरफ से होने वाली किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए सुरक्षाबलों ने जरूरी तैयारियां की हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अमरनाथ यात्रा पर असर

पिछले साल भी 7 जुलाई को बुरहान वानी की बरसी के मौके पर घाटी में बंद बुलाया गया था. जिसके चलते अमरनाथ यात्रा पर असर पड़ा था. यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालुओं को बीच में ही रोकना पड़ा था. इस बार अभी तक तो ऐसी जानकारी नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि यात्रियों के जत्थे को कुछ देर के लिए रोका जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

2016 में मारा गया था आतंक का पोस्टर ब्वॉय

आतंकी बुरहान वानी को सुरक्षाबलों ने एक ऑपरेशन के दौरान जुलाई 2016 में मार गिराया था. बुरहान वानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडरों में से एक था. इसके अलावा वह इस संगठन का पोस्टर ब्वॉय भी था. आतंकी गतिविधियों को लेकर दी जाने वाली धमकियों में बंदूक हाथ में लिए उसकी बड़ी फोटो लगी होती थी.

सेना ने जाल बिछाकर बुरहान वानी को मार गिराया था. जिसके बाद पूरे कश्मीर में काफी बवाल शुरू हो गया. हिंसा भड़क गई और इसमें कई लोग और जवान घायल हुए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×