उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में प्रशासन ने शनिवार को जीवनगढ़ पुलिया पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटा दिया. ऊपरकोट पर रविवार को महिलाओं के धरना हटाने को लेकर बवाल हो गया था. इसके बाद सोमवार से हजारों महिलाएं जीवनगढ़ पुलिया पर जाम लगाकर बैठ गईं.
सड़क पर से टेंट और बेरिकेड पहले ही हटा दिए गए थे और महिला प्रदर्शनकारियों ने रास्ता भी खली कर दिया था, लेकिन वे मौके पर फिर इकट्ठे हो गए. बाद में सभी प्रदर्शनकारियों को लोकल नेताओं ने इलाके खाली करने के लिए मना लिया था और उन्होंने खुद ही मार्ग खाली कर दिया था.
“प्रदर्शनकारी कुछ स्थानीय मांगों के साथ एक ज्ञापन देना चाहते थे. इनमें प्रदर्शन खत्म करने की स्थिति में शोषण नहीं करने का आश्वासन और रविवार रात हिंसा में घायलों को आर्थिक मदद की मांगें थीं.”चंद्र भूषण सिंह, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट
उन्होंने कहा कि प्रशासन उनकी मांगों पर विचार करेगा. अलीगढ़ के एसएसपी मुनिराज जी ने कहा कि पुलिस किसी को भी शहर की कानून व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं करने देगी.
इस बीच अलीगढ़ में लगभग एक सप्ताह बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)