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शाहीन बाग प्रोटेस्ट: हाई कोर्ट ने पुलिस और सरकार पर छोड़ा फैसला

15 दिसंबर के बाद से ही कालिंदी कुंज से नोएडा जाने वाली सड़क प्रदर्शनकारियों ने बंद कर रखी है

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दिल्ली हाई कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के चलते बंद कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को खोलने की जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस को कहा कि वो कानून के तहत काम करे. हाई कोर्ट ने कहा कि सरकारी नियमों और कानून के हिसाब से काम करें, साथ ही कानून व्यवस्था का भी ध्यान रखें.

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इससे पहले याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार और पुलिस को भी इस मामले में शिकायत दी हुई है और कुछ नहीं हुआ.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 15 दिसंबर को जामिया मील्लिया इस्लामिया में नागरिकता कानून के खिलाफ पुलिस ने छात्रों पर बल प्रयोग किया था. जिसके बाद से शाहीन बाग की महिलाओं ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग इलाके में सड़क जाम कर दिया. ये महिलाएं पिछले एक महीने से बीच सड़क पर ही विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारी नागरिकता कानून को वापस लेने और NRC ना लागू करने को लेकर विरोध कर रहे हैं.

हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि 15 दिसंबर के बाद से ही कालिंदी कुंज से नोएडा जाने वाली सड़क प्रदर्शनकारियों ने बंद कर रखी है, जिसकी वजह से रोजाना हजारों लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. दाखिल याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त को कालिंदी कुंज-शाहीन बाग पट्टी और ओखला अंडरपास को बंद करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गयी है.

याचिका में कहा गया है कि कालिंदी कुंज का इलाका दिल्ली, फरीदाबाद (हरियाणा) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने की वजह से बहुत महत्व रखता है. यहां से निकलने वाले रास्तों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को डीएनडी और दूसरे वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है जिससे भारी यातायात जाम की स्थिति बन रही है और साथ ही समय और ईंधन की बर्बादी भी हो रही है.

इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस सी हरि शंकर की बेच कर रही है.

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