मोदी सरकार के पशु बाजार में बूचड़खानों के लिए जानवरों को खरीदने और बेचने पर रोक लगाने के आदेश को लेकर खुद मोदी सरकार के मंत्री ने ही विरोध जताया है.
केन्द्रीय सामाजिक एवं अधिकारिता राज्यमंत्री और एनडीए की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा की मवेशियों की खरीद बिक्री पर सरकार के नए नियम सही नहीं हैं.
रामदास ने गोहत्या पर बैन का समर्थन करते हुए कहा कि गाय को छोड़कर बाकी जानवरों और गोवंश को इस बैन में शामिल नहीं करना चाहिए. जानवरों और गोवंश के कटने पर बैन से किसानों पर आर्थिक असर पड़ेगा.
अठावले ने कहा-
इस तरह के आदेश से गरीबों और किसानों को असुविधा होगी. साथ ही अठावले ने यह भी कहा कि किसानों और गरीबों को ध्यान में रखते हुए पशु बाजार में खरीद बिक्री के लिए सरकार के नोटिफिकेशन में बैल, भैंस और गाय पर अलग-अलग नियम होने चाहिए.
गाय हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक
अठावले ने कहा कि गाय हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक है. देश के कुछ राज्यों में गोहत्या पाबंदी कानून पहले से लागू है लेकिन कुछ राज्यों में एेसा नहीं है. इसलिए जिन राज्यों में ऐसा नहीं है उन राज्य की सरकारों को गोहत्या बंदी कानून बनाना चाहिए. लेकिन गोवंश को इस पाबंदी से अलग रखने की जरूरत है क्योंकि एक समय बाद गोवंश किसानों पर आर्थिक बोझ बन जाते हैं.
मोदी सरकार के आदेश को मद्रास हाई कोर्ट ने रोका
मद्रास हाईकोर्ट ने पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर चार हफ्ते की रोक लगा दी है.
वहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है.
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