झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान राजधानी रांची के खेलगांव में सोमवार, 9 दिसंबर को चुनाव ड्यूटी पर आए छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के कांस्टेबल ने अपने ही कंपनी कमांडर की गोली मारकर हत्या कर दी बाद में खुद को भी गोली मार ली.
सीआरपीएफ ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि, गोली लगने से दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया है. बताया गया कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की कंपनी चुनाव ड्यूटी पर तैनात की गई थी.
चुनाव ड्यूटी में सुविधाएं न मिलने से नाराज था जवान
सीआरपीएफ के सूत्रों के मुताबिक, कांस्टेबल विक्रमादित्य राजवाड़े ने सोमवार सुबह करीब 6:10 बजे, अपने हथियार से 10 से 12 राउंड गोलियां फायरिंग की. इस घटना में कंपनी कमांडर मेला राम कुर्रे की मौत हो गई. मेला राम कुर्रे अगले महीने रिटायर होनेवाले थे.
कांस्टेबल द्वारा हमला करने का कारण चुनाव ड्यूटी को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जवानों को चुनावी ड्यूटी के दौरान बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही थी.
भोजन, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं न मिलने से नाराजगी
सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबीपी जैसे विभिन्न अर्धसैनिक बलों की 20 से ज्यादा कंपनियों को रांची के खेलगांव कॉम्प्लेक्स में चुनावी ड्यूटी के लिए एक ट्रांजिट कैंप में रोका गया था.
सुरक्षा बलों को यहां तीसरे चरण के मतदान के लिए तैनात किया जा रहा था. हालांकि, जवानों को भोजन, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गई थी. साथ ही उनके लिए कोई अधिकारी भी तैनात नहीं किए गए थे.
CRPF जवानों ने चुनाव आयोग को लिखा था पत्र
सीआरपीएफ के एक कमांडेंट ने झारखंड चुनाव ड्यूटी पर जवानों के साथ "अमानवीय और दयनीय" स्थितियों के बारे में चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. 23 नवंबर 2019 को लिखे पत्र में, सहायक कमांडेंट राहुल सोलंकी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से कहा था कि, चुनाव ड्यूटी पर जवानों के लिए भोजन, पानी, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.
“हालांकि, सीआरपीएफ ने कहा है कि अधिकांश मुद्दों को पहले ही सुलझा लिया गया है और अन्य लोगों को इसमें शामिल किया जा रहा है, ताकि जवानों को सुविधाएं दी जा सकें.’’
झारखंड विधानसभा चुनाव पांच चरणों में हो रहा है. अब तक तीन चरणों का मतदान हो चुका है. अभी दो चरणों का मतदान बाकी है. मतगणना 23 दिसंबर को होगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)