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राफेल डील में कोई भ्रष्टाचार नहीं तो JPC से क्यों डर रही BJP:राहुल

राफेल पर सरकार संसद में पेश करेगी CAG की रिपोर्ट

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विवादों में घिरी राफेल डील पर संसद में सीएजी रिपोर्ट पेश हुई. रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने यूपीए सरकार से काफी कम कीमत में राफेल का सौदा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक यूपीए सरकार के डील के मुकाबले मोदी सरकार की डील 2.86% सस्ती है. लेकिन राफेल की कीमत का खुलासा नहीं किया गया है.

इससे पहले सोमवार को रिपोर्ट पेश होनी थी, लेकिन आखिरकार ये बुधवार को पेश हुई. राफेल को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है. इसके खिलाफ कांग्रेस ने संसद परिसर में प्रदर्शन भी किया.

4:53 PM , 13 Feb

राफेल मामले पर बुधवार को ये बोले राहुल गांधी

  • नरेंद्र मोदी अंदर से घबराए हुए हैं और जानते हैं अब कहीं ना कहीं राफेल का मामला अपने अंजाम तक पहुंचेगा
  • नए सौदे में प्रति विमान 25 मिलियन यूरो ज्यादा भुगतान किया गया है और इसी जगह पर भ्रष्टाचार हुआ है
  • अफसरशाही, वायुसेना और रक्षा मंत्रालय में ये फीलिंग है कि राफेल मामले में शत प्रतिशत चोरी हुई है
  • आप कहीं भी जाकर बोलिए- चौकीदार, लोग कहेंगे- चोर है
  • आप बीजेपी के सांसदों से भ्रष्टाचार और राफेल पर बात करोगे तो वो कहेंगे कि भैया कुछ ना कुछ तो हुआ है
  • 2007 के सौदे में संप्रभु गारंटी, बैंक गारंटी और प्रदर्शन गारंटी शामिल थी. जबकि नए सौदे में ये शामिल नहीं है
  • अगर राफेल डील में कोई भ्रष्टाचार नहीं है तो बीजेपी JPC से क्यों डर रही है
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4:23 PM , 13 Feb

राफेल सौदे को लेकर CAG की रिपोर्ट पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

1:00 PM , 13 Feb

राफेल पर CAG रिपोर्ट

  • मोदी सरकार ने यूपीए सरकार से राफेल सौदा 2.86 फीसदी  सस्ते में किया
  • सीएजी ने डिफेंस मिनिस्ट्री के इस तर्क को खारिज कर दिया है कि 2016 में फ्लाईवे कंडीशन में 36 विमानों का सौदा 2007 में किए गए सौदे से नौ फीसदी सस्ता था
  • राफेल कांट्रेक्ट में छह अलग-अलग पैकेज 14 टोटल आइटम थे. सात आइटमों की कीमतें अलाइन कीमतों से ज्यादा थीं. अलाइन कीमतें वे होती हैं जिस पर कॉन्ट्रेक्ट साइन होना चाहिए
  • राफेल सौदे के आइटमों बेसिक विमान समेत तीन आइटम समान कीमत पर खरीदे गए. चार आइटम अलाइन प्राइस से नीचे की कीमत पर खरीदे गए थे
  • कानून मंत्रालय की सलाह पर डिफेंस मिनिस्ट्री ने फ्रांस सरकार से सोवरेन गारंटी मांगी थी लेकिन उससे सिर्फ लेटर ऑफ कम्फर्ट मिला
  • कैग ने कहा कि राफेल पर 2007 के ऑफर में दसॉ एविएशन ने फरफॉरमेंस और फाइनेंशियल गारंटी दी थी जो कांट्रेक्ट की कुल कीमत की 25 फीसदी थी.
  • भारत के लिए राफेल में जो चार बदलाव मांगे गए थे उनकी जरूरत नहीं थी. आईएएफ ने 2010 के तकनीकी मूल्यांकन में कहा था कि इसकी जरूरत नहीं है.
  • भारतीय वायुसेना के बार बार मना करने के बाद इन्हें जोड़ दिया गया. जबकि वायुसेना इन्हें घटाना चाहती थी. इससे कीमतें सस्ती हो सकती थीं.

कैग रिपोर्ट पर क्विंट की चर्चा

The Quint decodes the CAG report on the controversial Rafale fighter jet deal that was tabled in the Rajya Sabha on Wednesday, 13 February, on the last day of the ongoing Budget Session.

Posted by The Quint on Wednesday, February 13, 2019

कीमत आकलन के दौरान हुई दिक्कत

  • भारतीय वायु सेना ने एयर स्टाफ क्ववांटिटीव रिक्वायरमेंट यानी ASQRs को सही तरीके से नहीं बताया जिसके कारण कोई भी वेंडर ASQR पर खरा नहीं उतर सका था.
  • खरीद प्रक्रिया के दौरान ASQRs को जल्दी-जल्दी बदला गया, जिसके कारण तकनीक और  कीमत आकलन के दौरान दिक्कत हुई. इससे कंपीटीटिव टेंडरिंग प्रभावित हुआ.
  • कैग रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइस आकलन के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा एवं टेंडरिंग पर असर पड़ा. राफेल खरीद में देरी के पीछे एक अहम कारण यह भी रहा
12:38 PM , 13 Feb

गडकरी बोले, पीएम पर हमला न करे कांग्रेस

राफेल मामले पर सीएजी की रिपोर्ट सामने आने पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि साबित हो गया हमारी डील यूपीए से बेहतर थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पीएम पर हमला करने से बचना चाहिए.

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Published: 12 Feb 2019, 7:44 AM IST
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