न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और हॉन्गकॉन्ग के बाद अब कनाडा और UAE ने भी भारतीय फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. कनाडा के ट्रांसपोर्ट मंत्री उमर अलगाब्रा ने 22 अप्रैल को पैसेंजर फ्लाइट्स पर रोक लगाने की घोषणा की. कनाडा ने ये बैन भारत और पाकिस्तान की पैसेंजर फ्लाइट पर 30 दिनों के लिए लगाया है.
उमर अलगाब्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“भारत और पाकिस्तान से कनाडा आने वाले एयर पैसेंजर्स में कोविड के बढ़ते केस डिटेक्ट होने के बाद, मैं भारत और पाकिस्तान से कनाडा में आने वाली सभी कॉमर्शियल और प्राइवेट पैसेंजर फ्लाइट्स पर रोक लगा रहा हूं.”
अलगाब्रा ने कहा कि ये रोक अस्थायी है और हालात की समीक्षा की जाएगी. ये रोक कार्गो फ्लाइट्स पर नहीं लगेगी, ताकि वैक्सीन और पीपीई जैसे जरूरी सामान का शिपमेट चालू रहे.
UAE ने 10 दिनों के लिए लगाया बैन
यूनाइटेड अरब एमिरेट्स (UAE) ने भी भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय उड़ानों पर 10 दिनों के लिए बैन लगा दिया है. ये ट्रैवल बैन 24 अप्रैल से 10 दिनों के लिए शुरू होगा, और इसके बाद हालात की समीक्षा की जाएगी.
न्यूजीलैंड, हॉन्गकॉन्ग, ब्रिटेन ने भी फ्लाइट्स रोकी
कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद भारतीय फ्लाइट्स पर रोक लगाने वाला न्यूजीलैंड पहला देश था. न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा आर्डर्न ने 8 अप्रैल को भारतीयों के प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की थी. इस रोक के तहत, 11 से 28 अप्रैल तक, न्यूजीलैंड में भारतीयों को एंट्री नहीं दी जाएगी, इसमें न्यूजीलैंड के अपने नागरिक भी शामिल हैं.
हॉन्गकॉन्ग ने भी भारत समेत कई देशों से आने वाली फ्लाइट्स को बैन कर दिया है. हॉन्गकॉन्ग ने भारत, पाकिस्तान और फिलिपींस को ‘कोविड के हाई रिस्क’ में बताते हुए इन देशों की फ्लाइट्स को रोक दिया है. घोषणा के मुताबिक, इन तीन देशों में दो घंटे से ज्यादा का समय बिताने वालों को भी हॉन्गकॉन्ग में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
ब्रिटेन ने भारत को रेड ट्रैवल लिस्ट में डाल दिया है. ब्रिटिश सरकार के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति पिछले 10 दिनों में उसकी ट्रैवल ‘रेड लिस्ट’ वाले देश में रहा है, तो उसे ब्रिटेन में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी, बशर्तें वो ब्रिटिश या आइरिश नागरिक न हो.
अमेरिका ने दी चेतावनी
अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत आने को लेकर चेतावनी दी है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन ले चुके लोग भी संक्रमण के खतरे में हैं.
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