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ये हैं DU के 7 वोकेशनल कोर्स, जिनमें एडमिशन यानी नौकरी की गारंटी!

दिल्ली यूनिवर्सिटी में पिछले साल चार कॉलेजों में 7 वोकेशनल कोर्स शुरू हुए हैं.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) देश में शिखर पर है. सेंटर फॉर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में नंबर वन है. जबकि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग में भी डीयू टॉप 10 में है. लेकिन पढ़ाई के साथ रोजगार की गारंटी के लिहाज से ये देश का सबसे भरोसेमंद कैंपस है.

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नौकरी वाले कोर्स

डीयू में 7 वोकेशनल कोर्स हैं. जिनमें एडमिशन टेस्ट के जरिए मिलता है. यहां स्टूडेंट्स को डिग्री भी मिलती है और जब वे यहां से निकलते हैं तो बाजार भी स्किल्ड हैंड मानते हुए उनका स्वागत कर रहा होता है. कोर्स पूरा होने और फिर नौकरी से जुड़ने का दोहरा आनन्द स्टूडेंट्स को मिलता है. इस बार पत्रकारिता को भी ग्रैजुएशन कोर्स के तौर पर शामिल किया गया है. डीयू में बीए वोकेशनल स्टडीज में कुल 539 सीट हैं. हर कोर्स के लिए 77-77 सीट.

डीयू में वोकेशनल कोर्स

  • मानव संसाधन प्रबंधन
  • मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस
  • मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग ऑफ इन्श्योरेंस
  • स्मॉल एंड मीडियम एन्टरप्राइजेज
  • टूरिज्म
  • ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रिटेरियल प्रैक्टिस
  • मैटेरियल्स मैनेजमेंट
वोकेशनल कोर्सेज में मानव संसाधन प्रबंधन कोर्स के लिए स्टूडेंट्स में सबसे ज्यादा क्रेज है. दूसरी पसंद मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस है. इसके बाद नम्बर आता है टूरिज्म मैनेजमेंट का, और फिर मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग ऑफ इंश्योरेंस का.

वोकेशनल स्टडीज में कटऑफ बढ़ने के आसार

2016 में शुरू के तीनों कोर्स के लिए पहली कटऑफ 93 फीसदी रही थी, जबकि बाकी कोर्सेज की 91 फीसदी. मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग ऑफ इंश्योरेंस में 85% आखिरी कटऑफ थे, तो मैटेरियल्स मैनेजमेंट में 84.5%. स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज और ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस में 84% न्यूनतम अंक वालों को मौका मिला. डीयू में एडमिशन का कटऑफ आम तौर पर इस साल ऊंचा रहने वाला है. ऐसे में वोकेशनल कोर्स के लिए पहले के मुकाबले कटऑफ ऊंचा रहकर भी थोड़ा सॉफ्ट रह सकता है.

मगर, जिस तरह से एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन हुए हैं उसे देखें तो वोकेशनल कोर्स में भी एक-एक सीट के लिए 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स स्पर्धा कर रहे हैं. जाहिर है कि इस बार वोकेशनल कोर्स के लिए पहला पहला कटऑफ 95 फीसदी से कम रहने वाला नहीं है, और आखिर का कटऑफ भी 90 फीसदी से ऊपर रहने के आसार हैं.

12वीं में वोकेशनल कोर्स के सब्जेक्ट हों तो फायदा

वोकेशनल कोर्स को ध्यान में रखकर जिसने 12वीं की पढ़ाई की है उसे फायदा मिलेगा. डीयू में एडमिशन के दौरान नियमों और शर्तों को पढ़कर स्टूडेन्ट एडमिशन के लिए अच्छी योजना बना सकते हैं. बीए वोकेशनल कोर्स में प्रिंटिंग एंड टेक्नोलॉजी, बैंकिंग ऑपरेशंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और वेब डिजाइनिंग में एडमिशन के लिए जो बातें अहम हैं और जिससे एडमिशन की सम्भावना बढ़ जाती है उस पर एक नजर डालते हैं-

  • स्टूडेंट्स को 12वीं के बेस्ट फोर सब्जेक्ट्स में इंग्लिश या हिंदी के रूप में एक भाषा रखना जरूरी है.
  • दूसरा विषय मैथ्स जरूरी है. बाकी दो सब्जेक्ट एकेडेमिक/इलेक्टिव सब्जेक्ट्स की लिस्ट से चुनने होंगे. प्रिंट डिजाइनिंग, प्रिंट ग्राफिक्स, ग्राफिक डिजाइन, आईटी, वेब डिजाइन और कंप्यूटर साइंस वोकेशनल सब्जेक्ट के तौर पर इलेक्टिव में लिए जा सकते हैं.
  • बीए वोकेशनल कोर्सेज के अलावा बाकी वोकेशनल कोर्सेज में एक लैंग्वेज और तीन इलेक्टिव सब्जेक्ट चुनने होते हैं.
  • अगर वोकेशनल सब्जेक्ट बेस्ट 4 में स्टूडेंट ने ले रखा है, तो तो कटऑफ में 2% का फायदा मिलेगा.
  • 1% का और फायदा मिलेगा अगर एक से ज्यादा वोकेशनल सब्जेक्ट बेस्ट 4 में लिए गए हों.
खास बात ये है कि लिस्ट से बाहर एक सब्जेक्ट लिया जा सकता है लेकिन दो सब्जेक्ट लिस्ट से बाहर लिए जाते हैं तो 2.5% मार्क्स हर सब्जेक्ट के लिए काटे जाएंगे. ऐसे में उन स्टूडेन्ट्स के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी जिन्होंने वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई 12वीं क्लास में नहीं की है.

डीयू में पिछले साल चार कॉलेजों में 7 वोकेशनल कोर्स शुरू हुए थे. इनमें से 6 अंडरग्रैजुएट कोर्स थे और एक डिप्लोमा कोर्स है. ये सभी कोर्स स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन के तहत यूजीसी ने तैयार किए.

कालिंदी कॉलेज: कालिंदी कॉलेज में दो वोकेशनल कोर्सेज हैं. लड़कियों के इस कॉलेज में दोनों के लिए 50-50 सीटे हैं. एक है बीए वोकेशनल- प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी और दूसरा है बीए वोकेशनल- वेब डिजाइनिंग.

रामानुजन कॉलेज: रामानुजन कॉलेज में बीए- बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इश्योरेंस सेक्टर (बैंकिंग ऑपरेशंस) और बीए वोकेशनल आईटी (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट) में एडमिशन के लिए 50-50 सीटें हैं.

जीसस एंड मैरी कॉलेज: यह गर्ल्स कॉलेज है. यहां दो बीए वोकेशनल कोर्स हैं. दोनों के लिए 50-50 सीटें हैं. हेल्थ केयर मैनेजमेंट और रिटेल मैनेजमेंट एंड आईटी के लिए यहां मौका है.

महाराजा अग्रसेन कॉलेज: इस कॉलेज में वोकेशनल कोर्स में एडवांस्ड डिप्लोमा कोर्स शामिल है. टीवी प्रोग्राम्स एंड न्यूज प्रोडक्शन का यह कोर्स 2 साल का है. इसके लिए 50 सीट हैं.

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स्पोर्ट्स कोटा

रोजगार के ख्याल से स्पोर्ट्स कोटा भी महत्वपूर्ण होता है. इसके जरिए जून के तीसरे हफ्ते में एडमिशन होना है. इस साल 33 खेलों में एडमिशन होंगे. स्पोर्ट्स कोटा के तहत एडमिशन लेने वाले छात्रों को इन खेलों में प्रैक्टिस कराया जाएगा. 60 नम्बर का टेस्ट होगा. इसमें कम से कम 50 फीसदी अंक लाना जरूरी है. खास बात ये है कि इस साल स्पोर्ट्स कोटे के तहत 11 कॉलेज योगा के लिए भी ट्रायल ले रहे हैं. पिछले साल यह संख्या 19 थी. इसके अलावा रेसलिंग, वेट लिफ्टिंग, टेनिस, क्रिकेट जैसे खेलों के लिए कई कॉलेजों ने डीयू प्रशासन के पास लिस्ट भेजी है.

सेन्ट्रल प्लेसमेंट सेल

डीयू में स्टूडेंट के लिए सेंट्रल प्लेसमेंट सेल रोजगार खोजने में मददगार साबित हो रहा है. दो साल पहले बने इस सेल के प्रति रोजगार देने वाली कम्पनियों का झुकाव बढ़ा है.

इंटर्नशिप फेयर 2018

इस समारोह में बड़ी-बड़ी कम्पनियां शामिल हुईं. इनमें एसेंचर, ओयो रूम्स, अकारो, आशियाना, मेडलिन, फेयरपॉकेट्स, स्टान्जा लिविंग, क्लासरूम, टेस्टबुक.कॉम, ऑरेन्ज ऑक्टोपस, शिपलाइट.कॉम, मूडीज जैसे नाम अहम हैं. ये इंटरनशिप फेयर 18 अप्रैल 2018 को नॉर्थ कैम्पस के गेट नम्बर चार पर चित्रा मार्ग स्थित कॉन्फ्रेन्स सेंटर पर हुआ था.

डीयू में अब कैम्पस सेलेक्शन भी

- 2018 में लक्ष्मीकुमारन समूह ने 16 छात्रों को नौकरी के लिए ऑफर लेटर दिए. 1,82,400 रुपये सालाना वेतन के साथ-साथ परफॉर्मेंस बोनस और दो लाख का ग्रुप मेडिकल इन्श्योरेंस भी छात्रों को ऑफर किए गये.

- एन्डीवर ने दो छात्रों को इंटर्नशिप के लिए कैम्पस सेलेक्शन किया.

- आशियाना हाऊसिंग लिमिटेड ने 7 छात्रों को सेल्स एक्जीक्यूटिव के तौर पर ऑफर लेटर दिया.

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डीयू ने 2015 से ही छात्रों के लिए रोजगार केन्द्रित कोर्सेज की तैयारी शुरू कर दी थी. अब यह देश की पहली यूनिवर्सिटी है जिसमें इतनी बड़ी संख्या में अंडर ग्रैजुएट वोकेशनल कोर्सेज हैं. वैसे स्टूडेंड जो पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार के लिए भी स्किल्ड होना चाहते हैं, उनके लिए यह पहली पसंद है. इसकी बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ यहां एडमिशन पाना भी मुश्किल होने लगा है. लेकिन अगर एक बार एडमिशन हो जाए तो जॉब मिलने की उम्मीद भी पक्की होने लगती है. बीतते वक्त के साथ यह विश्वास मजबूत होने वाला है कि डीयू में एडमिशन मतलब रोजगार पक्का.

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