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जातिगत जनगणना | देश में ग्रामीण क्षेत्रों की आधी आबादी OBC - रिपोर्ट

सर्वे के मुताबिक, कुल ग्रामीण परिवारों में से 9.3 करोड़ या 54% कृषि परिवार हैं.

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जातीय जनगणना (Caste Census) की बहस देश में जारी है, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में साफ कहा है कि जनगणना में ओबीसी जातियों की गिनती एक लंबा और कठिन काम है, इसलिए 2021 की जनगणना में इसे शामिल नहीं किया जाएगा. अब अगर जातीय जनगणना से जुड़े दूसरे आंकड़ों पर देखेंगे तो पता चलेगा कि देश के 17.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 44.4 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं.

यही नहीं, ओबीसी समाज सात राज्यों- तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुसंख्यक हैं.

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ये सर्वे कार्यक्रम कार्यान्वयन और सांख्यिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी ऑफिस द्वारा किया गया है. डेटा कृषि वर्ष 2018-19 के लिए है. भारत में कृषि वर्ष जुलाई से जून के बीच होता है.

ग्रामीण परिवारों में सबसे ज्यादा OBC परिवार

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़ों से पता चलता है कि अनुमानित 17.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 44.4% ओबीसी, 21.6% अनुसूचित जाति (SC), 12.3% अनुसूचित जनजाति (ST) और 21.7 फीसदी दूसरे सामाजिक समूह थे. कुल ग्रामीण परिवारों में से 9.3 करोड़ या 54% कृषि परिवार हैं.

ग्रामीण ओबीसी परिवारों का सबसे ज्यादा अनुपात तमिलनाडु (67.7%) में और सबसे कम नागालैंड (0.2%) में है. तमिलनाडु के अलावा, छह राज्यों - बिहार (58.1%), तेलंगाना (57.4%), उत्तर प्रदेश (56.3%), केरल (55.2%), कर्नाटक (51.6%), छत्तीसगढ़ (51.4%) में ओबीसी परिवार, कुल ग्रामीण परिवारों के आधे से भी ज्यादा हैं. ये राज्य राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन इलाकों से लोकसभा के 235 सदस्य हैं.

इसके अलावा, राजस्थान (46.8%), आंध्र प्रदेश (45.8%), गुजरात (45.4%) और सिक्किम (45%) में भी ग्रामीण ओबीसी परिवारों की हिस्सेदारी देश के कुल औसत (44.4%) से ज्यादा है. वहीं, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, हरियाणा, असम, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में ग्रामीण ओबीसी परिवारों की हिस्सेदारी राष्ट्रीय औसत की तुलना में कम है.

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सर्वे से पता चलता है कि अनुमानित 9.3 करोड़ कृषि परिवारों में से, 45.8% ओबीसी, 15.9% SC, 14/2% ST और 24.1% दूसरे सामाजिक समूहों से हैं.

OBC किसान परिवारों की औसत मासिक आय कम

सर्वे में कृषि परिवारों की औसत मासिक आय को लेकर भी जानकरी दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर एक किसान परिवार की औसत मासिक आय, कृषि वर्ष 2018-19 के दौरान 10,218 रुपये थी. वहीं, दूसरी पिछड़ा जातियों के लिए ये इससे भी कम थी.

ओबीसी कृषि परिवारों की औसत मासिक आय 9,977 रुपये, SC परिवारों की 8,142 रुपये, ST परिवारों की 8,979 रुपये थी. हालांकि, इस दौरान दूसरे सामाजिक समूहों के कृषि परिवारों की औसत मासिक आय 12,806 रुपये दर्ज की गई.

सर्वे के मुताबिक, कुल ग्रामीण परिवारों में से 9.3 करोड़ या 54% कृषि परिवार हैं.

आय को लेकर 23 राज्यों में ग्रामीण ओबीसी परिवारों के आंकड़ों में, उत्तराखंड (22,384 रुपये) में प्रति ओबीसी कृषि परिवार सबसे ज्यादा औसत मासिक आय दर्ज की, जबकि ओडिशा (5,009 रुपये) में ये सबसे कम थी.

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