जातीय जनगणना (caste Census) के मुद्दे पर बातचीत के लिए आखिराकार आज पीएम मोदी से नीतीश कुमार की मुलाकात हुई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी थे. मीटिंग से बाहर आने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा, "प्रधानमंत्री ने राज्य में जाति जनगणना पर प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों की बात सुनी. हमने पीएम से इस पर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया. हमने उन्हें बताया कि कैसे जाति जनगणना पर राज्य विधानसभा में दो बार प्रस्ताव पारित किया गया है."
इस मुद्दे पर बिहार और पूरे देश के लोगों की राय एक जैसी है. सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है. उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें. हमारी बात सुनने के लिए हम पीएम के शुक्रगुजार हैं. अब उन्हें इस पर फैसला लेना है.नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश ने चार अगस्त को पत्र लिखकर प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने का वक्त प्रधानमंत्री से मांगा था.
बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बाक करते हुए कहा,
हमारे प्रतिनिधिमंडल ने आज न केवल राज्य (बिहार) में बल्कि पूरे देश में जाति जनगणना के लिए पीएम से मुलाकात की. हम अभी इस पर निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
कौन-कौन बैठक में हो रहा शामिल
बिहार के 11 नेताओं का डेलिगेशन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली आया है.
इस डेलिगेश्न में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बीजेपी की ओर से बिहार सरकार में मंत्री जनक राम, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से मंत्री मुकेश सहनी, कांग्रेस की ओर से अजीत शर्मा, सीपीआई से सूर्यकांत पासवान, सीपीएम से अजय कुमार, सीपीआई माले से महबूब आलम और एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान इस बैठक में शामिल हैं.
बैठक में मौजूद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी न कहा, "हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा. उन्होंने बहुत गंभीरता से हमारी बात सुनी है इसलिए हमें लगता है कि जल्दी ही कोई निर्णय होगा."
पीएम मोदी से होने वाली मुलाकात से पहले रविवार को तेजस्वी यादव ने कहा, "राज्य में जाति जनगणना के लिए बिहार विधानसभा में दो बार प्रस्ताव पारित किया गया है. जनगणना से हम ऐसे आंकड़े प्राप्त कर सकते हैं जो समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए प्रासंगिक लाभ योजनाएं तैयार करने में मदद कर सकें. जब तक बीमारी का पता नहीं चलेगा, उसका सही इलाज कैसे कर पाएंगे. जातीय जनगणना बीमारी का पता करने जैसा है. समाज में किस जाति के लोग गरीब हैं, किस जाति के लोग आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं."
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