सीबीडीटी के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का टारगेट घटा दिया है. वित्त वर्ष 2019-20 के 31 मार्च तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन टारगेट 13.35 लाख करोड़ रुपये रखा गया था. लेकिन इस बार केंद्रीय बजट में इसे संशोधित करते हुए 11.80 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.
सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि पहले के अनुमानों को बजट में संशोधित किया गया है और हमारा नया टारगेट लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये होगा जो मुझे पूरा विश्वास है कि हम इसे हासिल कर लेंगे.
नए टारगेट के बनाने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा,
यह केवल एक वास्तविक आकलन है जो हासिल किया जा सकता है, इसकी एक और वजह है कि हमारा काफी रेवेन्यू चला गया है. उन्होंने कहा बड़ी मात्रा में रिफंड और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से रेवेन्यू प्रभावित हुआ है.
‘आईटी ने 7.40 लाख करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया’
मोदी ने कहा सीबीडीटी इनकम टैक्स विभाग का नीति बनाने वाला निकाय है.आईटी विभाग ने अब तक 7.40 लाख करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया है. हमें पूरा भरोसा है कि यह टारगेट हासिल होने योग्य है. पहले के अनुभवों से पता चलता है कि जनवरी-मार्च की तिमाही में सबसे अधिक रेवेन्यू आता है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि नया टारगेट हासिल कर लिया जाएगा.
‘सरकार टैक्स छूट को चरणबद्ध तरीके से खत्म करेगी’
नए टैक्स स्लैब को लेकर मोदी ने कहा कि सरकार का मकसद कंपनियों की तरह व्यक्तिगत टैक्स देनेवालों को भी कम टैक्स का लाभ देना है. उन्होंने कहा कि सरकार की वास्तविक नीति टैक्स में छूट और छूट को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना है.
मोदी ने कहा कि इसके लिए पहला प्रयास पिछले साल कंपनी या कॉरपोरेट टैक्स की कटौती कर के किया गया है. इस बार व्यक्तिगत इनकम टैक्स में यह व्यवस्था की गई है कि आप नए कर ढांचे का फायदा तभी ले सकते हैं.
उन्होंने कहा कि यह विचार किया गया कि जब पैसा टैक्स देनेवाले के हाथ में है तो वही बेहतर तरीके से यह तय कर सकता है कि उसने अपना पैसा कहां निवेश करना है.
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