नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2018 में एक्सचेंज में हेराफेरी के मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है.
सीबीआई ने इससे पहले 21 फरवरी को पूछताछ खत्म करते हुए सुब्रमण्यम से तीन दिन तक पूछताछ की थी. वह पूर्व एमडी-सीईओ चित्रा रामकृष्ण और पूर्व सीईओ रवि नारायण से पहले ही पूछताछ कर चुकी है. रामकृष्ण से जहां पिछले शुक्रवार को पूछताछ हुई थी, वहीं नारायण से पिछले शनिवार को पूछताछ की गई थी.
सुब्रमण्यम की नियुक्ति में एक 'योगी' ने उनका मार्गदर्शन किया
इस हफ्ते की शुरुआत में सीबीआई की एक टीम ने मुंबई में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) कार्यालय का भी दौरा किया और मामले से संबंधित पेपर इकठ्ठा किए.
दो हफ्ते पहले एक आदेश में सेबी ने रामकृष्ण और कुछ अन्य को सुब्रमण्यम को GOO और MD के सलाहकार के रूप में नियुक्ति में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रूल का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए दंडित किया था. सेबी ने कहा कि सुब्रमण्यम की नियुक्ति में एक 'योगी' ने उनका मार्गदर्शन किया था.
सीबीआई के अनुसार पूछताछ सेबी की एक रिपोर्ट के आधार पर की जा रही थी, जिसमें कहा गया था कि रामकृष्ण एक "हिमालयी योगी" के साथ गोपनीय एनएसई जानकारी शेयर कर रहे थे और उन्हें नियमों के उल्लंघन में सुब्रमण्यम की नियुक्ति के लिए प्रेरित किया था.
सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और प्रमोटर संजय गुप्ता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई के अनुसार, 2010 और 2014 के बीच संजय गुप्ता ने एनएसई के अज्ञात अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश में एनएसई सर्वर आर्किटेक्चर का दुरुपयोग किया और यहां तक कि सेबी के अधिकारियों को रिश्वत भी दी.
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