सीबीआई (CBI) ने मंगलवार देर रात पूछताछ के बाद चल रहे वीजा भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस नेता कार्ति पी चिदंबरम (Karti P Chidambaram) के करीबी सहयोगी एस भास्कर रमन को गिरफ्तार किया है. बता दें कि मंगलवार को सुबह से ही कार्ति के दफ्तर और घरों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी.
भास्कर रमन कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के करीबी हैं. भास्कर पर घूस लेने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. सीबीआई ने एक दिन पहले ही कार्ति चिदंबरम के नौ ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसके बाद यह गिरफ्तारी हुई है.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मंगलवार को CBI ने मामला दर्ज किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कार्ति पर 250 चीनी नागरिकों को भारतीय वीजा दिलाने और बदले में 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है.
बता दें कि यह छापेमारी चेन्नई, दिल्ली समेत कई जगहों पर की गई थी. मुंबई के तीन ठिकानों, कर्नाटक के एक और पंजाब और ओडिशा के एक-एक ठिकाने पर भी सीबीआई की रेड पड़ी थी.
क्या है आरोप?
सीबीआई के मुताबिक, मानसा स्थित एक निजी फर्म तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करने के लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो इसे समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने में मदद करने की एवज में किया गया था.
कार्ति चिदंबरम के अलावा, चेन्नई के एस. भास्कररमन, जिन्हें एक करीबी सहयोगी कहा जाता है, को भी प्राथमिकी में एक आरोपी के रूप में नामित किया गया है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "मानसा स्थित निजी फर्म 1,980 मेगावाट ताप विद्युत संयंत्र (थर्मल पावर प्लांट) स्थापित करने की प्रक्रिया में थी और संयंत्र की स्थापना एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स की गई थी. परियोजना अपने समय से पीछे चल रही थी. देरी के लिए दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए, उक्त निजी कंपनी अधिक से अधिक चीनी व्यक्तियों, पेशेवरों को मानसा में अपनी साइट के लिए लाने की कोशिश कर रही थी और गृह मंत्रालय द्वारा लगाई गई सीमा से ऊपर परियोजना वीजा की आवश्यकता थी.
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