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CBI के 150 अफसर टेंशन खत्म करने के लिए श्रीश्री रविशंकर की शरण में

रविशंकर सीबीआई अफसरों को टेंशन कम करने के तरीके सिखाएंगे.

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भारत
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सीबीआई में टेंशन बहुत ज्यादा है. ये बात सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर के बीच जमकर हुए विवाद से सामने आ चुकी है. दोनों अफसर जबरन छुट्टी पर भेज दिए गए हैं. अफसरों का रातोंरात तबादला भी हो गया है. अब शायद टेंशन के इस माहौल को कम करने के लिए सीबीआई ने योग गुरु श्री श्री रविशंकर की मदद लेने का फैसला किया है.

रविशंकर सीबीआई अफसरों को टेंशन कम करने के तरीके सिखाएंगे. इसके लिए सीबीआई श्री श्री की आर्ट ऑफ लिविंग की वर्कशॉप करा रही है. सीबीआई की प्रेस रिलीज के मुताबिक एजेंसी के अंदर कामकाज और अफसरों की लाइफ में पॉजिटिविटी लाने, तालमेल बेहतर करने और खुशनुमा माहौल बनाने के लिए श्री श्री की वर्कशॉप कराई जा रही है.

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सीबीआई को उम्मीद है कि इसके बाद सभी अफसरों को पूरी क्षमता से काम करने में मदद मिलेगी.

कौन कौन हिस्सा लेगा

दिल्ली में सीबीआई हेडक्वार्टर में होने वाली इस वर्कशॉप में इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों से लेकर अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर नागेश्वर राव तक 150 से ज्यादा अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. श्री श्री रविशंकर की वर्कशॉप 10, 11 और 12 नवंबर को होगी.

कई हफ्तों से सीबीआई के सीनियर अफसरों के बीच खींचतान फोकस में है और बताया जाता है कि अधिकारियों के कई गुट बन गए हैं.

वर्कशॉप में क्या सिखाएंगे रवि शंकर?

श्री श्री रवि शंकर के मुताबिक, टेंशन से फ्री रहने का सबसे कामयाब तरीका है- मेडिटेशन. मेडिटेशन इंसान के दिमाग और विचारों को सकारात्मक रूप से शक्ति देने का काम करता है. दिमाग से तनाव को कम करता है. मन प्रसन्न रहता है.

रविशंकर सीबीआई अफसरों को टेंशन कम करने के तरीके सिखाएंगे.

मेडिटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है. इस प्रकिया को करने के दौरान आंखें बंद होती हैं और अपना ध्यान मस्तिष्क के केंद्र बिंदु पर लगाया जाता है. ये सभी तरह की टेंशन को दूर भगाने में काफी फायदेमंद साबित होता है.

विवादों से दूर नहीं हैं रवि शंकर

श्री श्री रविशंकर भी विवादों से दूर नहीं हैं. दिल्ली में यमुना तट पर 2016 में उनकी तरफ से कराया गया वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल पर्यावरण नियमों में उल्लंघन की वजह से बहुत चर्चा में रहा.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उनके संगठन को यमुना को नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया था और आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था.

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