12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग पिछले कई दिनों से हो रही है. छात्रों के परिजनों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच परीक्षाएं नहीं होनी चाहिए. अब बोर्ड परीक्षाओं को लेकर जल्द फैसला लिया जा सकता है, इसके लिए केंद्र सरकार और देश के सभी राज्यों के बीच एक अहम बैठक होने जा रही है.
केंद्र ने रविवार 23 मई को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ यह बैठक बुलाई है. खास बात ये है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में तय किया जाएगा की 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कब और कैसे ली जाएं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस दौरान विभिन्न प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा पर भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चर्चा करेगा.
कई केंद्रीय मंत्री होंगे बैठक में शामिल
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि राज्यों के साथ हो रही इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय महिला एवं बाल मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी बैठक में शामिल रहेंगे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इसे लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक चिट्ठी लिखी है. निशंक ने कहा है कि शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने के संबंध में विकल्प तलाश रहे हैं. साथ ही छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी है. उच्च शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए परीक्षाओं की तारीखों को अंतिम रूप देने पर भी विचार कर रहा है.
इस चिट्ठी में उल्लेख किया गया है कि कोरोना महामारी ने शिक्षा क्षेत्र, विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा और प्रवेश परीक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए, लगभग सभी राज्य शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई ने अपनी बारहवीं कक्षा की परीक्षा, 2021 को स्थगित कर दिया है. इसी तरह, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है.
क्या बोले शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, कि बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन से पूरे देश में राज्य बोर्ड परीक्षाओं और अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ता है. छात्रों के बीच अनिश्चितता को कम करने के लिए यह वांछनीय है कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के इनपुट के आधार पर बारहवीं कक्षा के सीबीएसई के बारे में विचार किया जाए.
पोखरियाल ने सभी हितधारकों जैसेकि छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और अन्य लोगों से भी इनपुट मांगा है.
निशंक ने कहा कि प्रधान मंत्री की इच्छा है कि छात्रों के करियर को प्रभावित करने वाले किसी भी निर्णय को सभी राज्य सरकारों और हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श में लिया जाना चाहिए. इस संबंध में मैंने हाल ही में राज्य के शिक्षा सचिवों के साथ बैठक की थी. रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस उच्च स्तरीय बैठक के माध्यम से परामर्श प्रक्रिया को और मजबूत किया जाएगा.
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