सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षाओं (CBSE Board Exam 2021) को रद्द कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. साथ ही ये भी तय किया गया है कि जो स्टूडेंट एग्जाम देना चाहते हैं उन्हें बोर्ड के जरिए ऑप्शन दिया जाएगा. फैसले के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'ये भी फैसला किया गया है कि पिछले बार की तरह ही अगर कुछ स्टूडेंट परीक्षा देना चाहते हैं तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसआई द्वारा ये विकल्प दिया जाएगा.'
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला
मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि बारहवीं कक्षा के छात्रों का परिणाम बेहतर मानदंड के अनुसार समयबद्ध तरीके से घोषित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में अत्यधिक चिंता पैदा कर रहा है, जिसे खत्म किया जाना चाहिए. पीएम ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
23 मई को भी हुई थी बैठक, राज्यों से मांगा गया था फीडबैक
प्रधानमंत्री ने पहले भी इस विषय पर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी इसके उपरांत 23 मई को केंद्रीय रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसमें राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने भाग लिया. बैठक में सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन के विभिन्न विकल्पों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हासिल फीडबैक पर चर्चा की गई.
दिल्ली, पंजाब और झारखंड ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा था कि पहले छात्रों को वैक्सीन लगाना जरूरी है. क्योंकि ये उनकी सुरक्षा का मामला है. इसके बाद दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा था. पहला ये कि मुख्य विषयों की परीक्षा आयोजित हो, वहीं दूसरा विकल्प था कि छात्रों को अपने ही स्कूल में 45 दिन के भीतर परीक्षाएं देनी होंगी
मंगलवार को हुई प्रधानमंत्री की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री अशोक प्रधान, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के सचिव और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया.
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