CBSE की 10वीं और 12वीं क्लास के पेपर लीक होने की खबरों और फिर से एग्जाम के फैसले के बाद छात्रों-अभिभावकों के बीच अजीब सी स्थिति बनी हुई है. ऐसे में सीबीएसई की हर साल की परीक्षाओं से जुड़े कई सवाल के जवाब आपको जरूर जानने चाहिए.
CBSE बोर्ड परीक्षा 2018 में कितने छात्र शामिल हो रहे हैं.
CBSE देश का सबसे बड़ा शिक्षण बोर्ड है जो मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए NEET समेत 24 परीक्षाओं का आयोजन करता है. बोर्ड अपने द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों की 10वीं और12 वीं के परीक्षाओं का आयोजन करता है. इस साल कक्षा दस की बोर्ड परीक्षा में 16,38,428 और12 वीं की परीक्षा में11,86,306 छात्र शामिल हो रहे हैं.
परीक्षा कब से कब तक है?
कक्षा 10 और12 वीं की परीक्षाएं 5 मार्च को शुरू हुईं. 10वीं की परीक्षाएं 4 चार अप्रैल को खत्म हो जाएंगी जबकि 12 वीं की परीक्षाएं 13 अप्रैल तक चलेंगी.
प्रश्न तैयार करने की प्रक्रिया कब शुरू होती है?
स्कूल स्तर पर बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन का काम पूरा होने के साथ ही कम- से- कम 6 माह पहले तैयारी शुरू हो जाती है
प्रश्न पत्र कैसे तैयार किये जाते हैं?
दो चरणों में सवाल तैयार किये जाते हैं, उनकी जांच की जाती है और अंतिम रूप दिया जाता है. पहले चरण में CBSE हर विषय के लिए 4-5 मेंबर की टीम बनाती है. इनमें स्कूल और कॉलेज के शिक्षक शामिल होते हैं. समिति प्रश्नों का एक बैंक तैयार करती है और उन्हें दिल्ली के स्कूलों, देश के अन्य हिस्सों के स्कूलों और विदेशों के स्कूलों के लिहाज से तीन वर्गों में बांटती है. दूसरे चरण में सीबीएसई की विशेषज्ञ समिति इस बात की जांच करती है कि सवाल सिलेबस, कठिनाई के स्तर और दूसरे पैरामिटर के अनुरूप हैं या नहीं. इसके बाद समिति अधिकतम गोपनीयता के साथ प्रश्नों के सेट को अंतिम रूप देती है.
प्रश्नों के सेट एक- दूसरे से अलग कैसे होते हैं?
पहले एक सेट के करीब 70 फीसदी प्रश्न दूसरे से भिन्न होते थे. अब लगभग सभी सवाल एक ही रहते हैं बस उनका क्रम अलग- अलग होता है. ऐसे में एक सेट के लीक होने से दूसरे सेट के भी उससे प्रभावित होने का खतरा होता है.
परीक्षा से पहले किन प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है?
मानक प्रक्रिया के अनुसार सील पैकेट में प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्रों पर पहुंचते हैं और कम- से- कम चार सहायक अधीक्षकों की मौजूदगी में खोले जाते हैं. उनमें से एक परीक्षा केंद्र से इतर के स्कूल का होता है जो गवाह होता है. दिल्ली और बाहर के संवेदनशील केंद्रों पर फुलटाइम इंवीजिलेटर की नियुक्ति की जाती है. बोर्ड देशभर में बाधा रहित परीक्षा के आयोजन के लिए राज्य प्रशासन और स्थानीय पुलिस के संपर्क में रहता है.
(इनपुट: पीटीआई)
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