पाकिस्तान कश्मीर के बहाने अपने सीजफायर के वादे से मुकरता दिख रहा है. पाकिस्तान का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता तब ही कामयाब होगा जब भारत कश्मीर को फिर से स्टेटहुड यानी राज्य का दर्जा वापस दे दे.
दरअसल, अभी हाल ही में सीजफायर को लेकर डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) स्तर पर दोनों देशों की ज्वाइंट स्टेटमेंट आई थी. इस दौरान दोनों देश सभी समझौते और LOC के साथ दूसरे सेक्टर्स में भी सीजफायर का सख्ती से पालन करने के लिए तैयार हो गए थे. यह सीजफायर पर नए नियमों की बात कही गई थी. लेकिन अब पाकिस्तान अपनी बातों से पलटता दिख रहा है.
इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,
पाकिस्तान का कहना है कि 25 फरवरी 2021 को डीजीएमओ लेवल पर बातचीत और ज्वाइंट स्टेटमेंट का मतलब ये नही है कि पाकिस्तान अपने पुराने स्टैंड से पीछे हट गया है. ये समझौते लंबे समय तक तभी टिके रह पाएंगे जब भारत, जम्मू और कश्मीर का स्टेटहुड वापस करेगा. भारत फिर से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे.
पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर का मामला यूनाइटेड नेशन की सिक्योरिटी काउंसिल में है.
पाकिस्तान के मुताबिक, अगर भारत कश्मीर को दोबारा राज्य बनाता है तो दूसरे बाइलैटेरल मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बेहतर तरीके से बात हो सकेगी. वहीं पाकिस्तान ने ये भी कहा है कि भारत ये न समझे कि सीजफायर पर समझौता किसी दबाव या कमजोर की वजह से हुआ है.
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा और लोकसभा में एक विधेयक के जरिये जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है. साथ ही आर्टिकल 370 के कई प्रावधान को भी खत्म कर दिया गया है.
किन मुद्दों पर हुआ था समझौता?
भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष ने हॉटलाइन के जरिए बातचीत की थी, जिसमें सीजफायर उल्लंघन, युद्धविराम, समेत कई समझौतों पर चर्चा हुई थी. दोनों देशों ने LOC के हालात को लेकर संयुक्त बयान जारी किया था.
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