रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में कुछ बदलाव किए हैं. ये बदलाव मौजूदा इंटरनेशनल पैरामीटर के साथ-साथ चलने को ध्यान में रखकर किए गए हैं. कुछ दिन पहले मंत्रालय ने लाइसेंस प्लेट से संबंधी नियमों में बदलाव किया था. अब टायर, सेफ्टी ग्लास जैसी चीजों के बारे में मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है. अब अगर आपकी गाड़ी में टायर रिपेयर किट है तो आपको स्टेपनी की जरूरत नहीं है.
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सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में किए गए बदलाव अप्रैल 2021 से प्रभावी होंगे.
इन नए नियम के बारे में, सबकुछ यहां जानिए:
- अगर गाड़ी में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम ( TPMS) लगा है, तो 3.5 टन तक की गाड़ी के लिए मंत्रालय ने स्पेसिफिकेशन जारी की हैं. ये सिस्टम टायर में इन्फ्लेशन प्रेशर या उसमें बदलाव को मॉनिटर करता है और इसकी जानकारी ड्राइवर को देता है. पहले से दी गई जानकारी रोड सेफ्टी सुनिश्चित करने में काम आती है.
- टायर रिपेयर किट सुझाई गई है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि टायर पंक्चर होने पर सीलेंट डाल कर पंक्चर हुई जगह को तुरंत सील किया जा सकता है. टायर रिपेयर किट रखने के बाद अतिरिक्त टायर या स्टेपनी की जरूरत नहीं होगी. ये इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से है. इसकी वजह से जगह बचेगी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में और बैटरी रखी जा सकती हैं.
- सेफ्टी ग्लास की जगह सेफ्टी ग्लेजिंग का सुझाव दिया गया. हालांकि दोनों ही विकल्पों में फ्रंट और रियर विंडो में (70%) और साइड विंडो में (50%) ही लाइट का विजुअल ट्रांसमिशन होना चाहिए.
- टू-व्हीलर के स्टैंड्स के लिए AIS स्टैंडर्ड सुझाया गया है.
- टू-व्हीलर के एक्सटर्नल प्रोजेक्शन घटाने के लिए भी नया नियम आया है, जिससे कि पैदल चलने वालों को असुविधा न हो.
- टू-व्हीलर के फुट रेस्ट के लिए भी स्टैंडर्ड नोटिफाई किया गया है.
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