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FAQ: केंद्र ने होम आइसोलेशन के नियमों में किया बदलाव, हर बात जानिए

बदली हुई गाइडलाइन में होम आइसोलेशन की अवधि भी घटा दी गई है

Published
भारत
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन की गाइडलाइन में बदलाव कर दिए हैं. मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस पॉजिटिव टेस्ट होने वाले लोगों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिनमें लक्षण नहीं दिखते हैं. ऐसे में मंत्रालय ने गाइडलाइन में बदलाव करते हुए बिना लक्षण वाले लोगों के साथ ही हल्के लक्षण और प्री-सिम्पटोमैटिक मामलों को भी शामिल किया है.

बदली हुई गाइडलाइन में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की अवधि भी घटा दी गई है. नई गाइडलाइन के बारे में सब कुछ यहां जानिए.

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COVID-19 पॉजिटिव पाए जाने पर कौन होम क्वॉरंटीन हो सकता है?

  • जिन लोगों को क्लिनिकली बताया जाए कि वो हल्के या प्री-सिम्पटोमैटिक केस हैं.
  • 60 साल उम्र से ज्यादा के मरीज और जिन लोगों को डायबिटीज, दिल की बीमारी, गंभीर लंग/लिवर/किडनी की बीमारी, हाइपरटेंशन जैसे को-मोर्बिडिटी हो, उन्हें मेडिकल अफसर के आकलन के बाद होम आइसोलेशन की इजाजत मिल सकती है.
  • जिन मरीजों का इम्युन सिस्टम कमजोर है वो होम आइसोलेशन में नहीं रह सकते. इनमें HIV, ट्रांसप्लांट रेसिपिएंट और कैंसर का इलाज करा रहे लोग शामिल हैं.

क्या बिना लक्षण वाले मरीज भी होम आइसोलेशन में रह सकते हैं?

बिना लक्षण वाले लोगों के साथ ही हल्के लक्षण और प्री-सिम्पटोमैटिक मामलों को भी होम क्वॉरंटीन की इजाजत मिल सकती है.

मैं होम क्वॉरंटीन हूं. किन परिस्थितियों में मेडिकल मदद मांग सकता हूं?

केंद्र ने कहा है कि होम आइसोलेशन में गए लोग नीचे दिए गए अनुभव होने पर तुरंत मेडिकल मदद मांगे:

  • ऑक्सीजन लेवल का कम होना
  • बोलने में अस्पष्टता होना/दौरा पड़ना
  • मुंह या हाथ-पैर में कमजोरी होना
  • सांस लेने में तकलीफ
  • सीने में दबाव/दर्द
  • मुंह या होंठ का नीला हो जाना
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कोरोना वायरस मरीज होम आइसोलेशन कब खत्म कर सकते हैं?

लक्षण दिखने के 10 दिन बाद और तीन दिन तक बुखार न आने की स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं. पिछली गाइडलाइन में मरीजों को लक्षण दिखने के 17 दिन बाद और 10 दिन तक बुखार न आने की स्थिति में ही होम आइसोलेशन खत्म करने की इजाजत थी.

लक्षण जाने के बाद शख्स को कोरोना वायरस का टेस्ट कराना होगा?

नहीं, बदली हुई गाइडलाइन के मुताबिक होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद टेस्ट कराना जरूरी नहीं है.

अगर मैं होम क्वॉरंटीन चुनता हूं तो क्या सावधानी बरतनी होगी?

फिजिशियन के निर्देशों के अलावा होम क्वॉरंटीन होने वाले कोरोना वायरस के मरीजों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • मरीज दूसरे कमरे में रहें, औरों से अलग और बुजुर्ग लोगों से खासकर
  • मरीज हर समय ट्रिपल-लेयर मास्क पहनें. मेडिकल अफसर के निर्देश मुताबिक मास्क को हर आठ घंटे में फेंक दें.
  • तरल चीजें लेते रहें और हाइड्रेटेड रहें. समय-समय पर तापमान चेक करते रहें.
  • मरीज समय-समय पर साबुन और पानी से हाथ धोते रहें.
  • घर के किसी भी सदस्य के साथ अपनी कोई चीज शेयर न करें.

मैं कोरोना वायरस मरीजों की देखभाल कर रहा/रही हूं. मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  • देखभाल करने वालों को मरीज के साथ होने पर ट्रिपल-लेयर मास्क पहनना चाहिए और इस्तेमाल के बाद इसे फेंक देना चाहिए. मुंह और नाक को छूने से बचें.
  • मरीज के साथ होने पर ग्लव्स का इस्तेमाल करें. ग्लव्स पहनने और उतारने के बाद हैंड हाइजीन रूटीन का पालन करें.
  • मरीज के रेस्पिरेटरी सीक्रेशन और शरीर के तरल से सीधे संपर्क में आने से बचें.
  • मरीजों के इस्तेमाल किए गए बर्तनों को साफ करते हुए ग्लव्स का इस्तेमाल करें.
  • मरीज के कमरे की सतहों जैसे हैंडल, डोर नॉब को 1 परसेंट हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन से साफ करें.
  • हैंड हाइजीन का हमेशा ध्यान रखें और हाथ धोने के बाद सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर टॉवल का इस्तेमाल करें.
  • मरीजों का ध्यान रखने वाले भी समय-समय पर अपना तापमान चेक करते रहें और लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं.
  • मरीज को खाना उसके कमरे में ही दिया जाए.

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