केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी अंदर तक बढ़ा दिया है. इससे पहले इन राज्यों में बीएसफ का अधिकार क्षेत्र 15 किमी तक सीमित था.
दिलचस्प बात यह है कि दूसरी तरफ गृह मंत्रालय ने गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कम कर दिया है. गुजरात में बीएसएफ अबतक अंतरराष्ट्रीय सीमा से 80 किमी अंदर तक अपनी शक्तियों का प्रयोग करती थी लेकिन अब वह केवल 50 किमी तक ही कवर करेगी.
सरकार का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य आतंकवाद और सीमा पार अपराधों के खिलाफ "जीरो टोलेरेंस" सुनिश्चित करना है, लेकिन विपक्ष ने इसे संघवाद के खिलाफ बता सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
बीएसएफ से जुड़ी अधिसूचना में क्या है ?
सोमवार को जारी एक गजट अधिसूचना में केंद्र सरकार ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े राज्यों में शक्तियों का प्रयोग करने के लिए बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र से जुड़े जुलाई 2014 की अधिसूचना में संशोधन कर रही है.
सरकार ने अधिसूचना में बतया कि “मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय राज्यों और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल पूरा क्षेत्र, और इसके साथ-साथ गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम राज्य में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किमी तक के बेल्ट” में बीएसफ का अधिकार क्षेत्र होगा.
केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग किया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने किया विरोध, कैप्टन ने किया स्वागत
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पहले ही इस कदम की निंदा करते हुए इसे संघवाद पर सीधा हमला बताया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि
“मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार दिए जाने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं. यह संघवाद पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस तर्कहीन निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं”
श्री आनंदपुर साहिब से सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि
“पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 से बढ़ाकर 50 किमी करने वाली गृह मंत्रालय की अधिसूचना संवैधानिक सार्वजनिक व्यवस्था और राज्यों के पुलिस अधिकार का उल्लंघन करती है. पंजाब का आधा हिस्सा अब बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आएगा. सीएम चरणजीत चन्नी को इसका विरोध करना चाहिए.”
अकाली दल के प्रवक्ता और तरनतारन जिलाध्यक्ष विरसा सिंह वाल्तोहा ने कहा कि 'यह हमारे संघीय ढांचे पर हमला है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलीभगत में काम कर रहे हैं.
हालांकि हाल ही में पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में बीएसएफ की बढ़ी उपस्थिति "हमें केवल मजबूत बनाएगी". कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कैप्टन के हवाले से ट्वीट किया कि
“"हमारे सैनिक कश्मीर में मारे जा रहे हैं. हम देख रहे हैं कि अधिक से अधिक हथियार और ड्रग्स पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पंजाब में धकेले जा रहे हैं. बीएसएफ की बढ़ी हुई उपस्थिति और पावर हमें मजबूत ही बनाएगी. केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें”
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