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Chandigarh Mayor Election: BJP ने AAP को हराकर 1 वोट से जीता चंडीगढ़ मेयर चुनाव

इस चुनाव में एक वोट सांसद का भी होता है. और सांसद बीजेपी की किरण खेर हैं.

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पंजाब विधानसभा चुनाव में भले ही आम आदमी पार्टी के हाथों बीजेपी को करारी हार मिली हो लेकिन चंडीगढ़ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने बीजेपी के लिए खुशी की खबर दी है. बीजेपी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव जीत लिया है. बीजेपी के अनूप गुप्ता चंडीगढ़ के नए मेयर बन गए हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह लाड्डी को एक वोट से मात दी है. 

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इस चुनाव में एक वोट सांसद का भी होता है. और सांसद बीजेपी की किरण खेर हैं.

जीत की खुशी मनाते बीजेपी के नेता

(फोटो- twitter)

कांग्रेस ने चुनाव में नहीं लिया हिस्सा

चंडीगढ़ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में कुल 35 सीट हैं और मेयर के लिए 19 वोट की जरूरत होती है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के पास 14-14 काउंसलर थे. वहीं कांग्रेस के पास 6 और एक काउंसलर शिरोमणि अकाली दल के पास हैं. लेकिन इन सबके बावजूद कुल 29 वोट पड़े और जीत-हार का फैसला हो गया. क्योंकि कांग्रेस ने इस चुनाव में हिस्सा नहीं लिया.

बीजेपी के अनूप गुप्ता को 15 वोट मिले और आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह को 14 वोट मिले. इस चुनाव में कोई वोट क्रॉस नहीं हुआ.

बता दें कि चंडीगढ़ में एक मेयर एक वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है.

किरण खेर के वोट से बीजेपी को मिली जीत

बता दें कि इस चुनाव में एक वोट सांसद का भी होता है. और सांसद बीजेपी की किरण खेर हैं. इसी का फायदा बीजेपी को हुआ और बीजेपी एक वोट से चुनाव जीत गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वोट देने पहुंची किरण खेर ने वोटिंग के बाद जय श्री राम का नारा लगाया.

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कांग्रेस के पार्षदों ने बदला पाला, बीजेपी को हुआ फायदा

दिसंबर 2021 में नगर निगम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद भी आम आदमी पार्टी मेयर पद पर अपना कब्जा नहीं जमा सकी. इसके पीछे की वजह है कांग्रेस. दरअसल, आम आदमी पार्टी के 14 काउंसलर जीतकर आए थे और बीजेपी के 12 काउंसलर जीते थे. वहीं कांग्रेस के आठ और SAD का एक काउंसलर बने थे. लेकिन चुनाव के बाद कांग्रेस पार्षद हरप्रीत कौर बबला ने पाला बदल लिया और बीजेपी में शामिल हो गईं.

इसके अलावा जून 2022 में कांग्रेस काउंसलर गुरचरनजीत सिंह काला भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद बीजेपी के पार्षद की संख्या 14 हो गई.

क्यों मेयर चुनाव अहम है?

दरअसल, चंडीगढ़ का ये चुनाव कई मायनों में अहम है. 2021 में, जब AAP ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को पीछे छोड़ते हुए 14 सीटें जीतकर नगर निगम चुनावों में पैठ बनाई, तो उनकी जीत ने पंजाब के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव का संकेत दिया, इसके बाद पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 117 विधानसभा क्षेत्रों में से 92 में शानदार जीत दर्ज की.

लेकिन अब मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार हो गई है. बीजेपी इस जीत के साथ ये संदेश देना चाहेगी कि शहरी वोटरों ने बीजेपी पर दोबारा भरोसा जताया है , साथ ही उसके पार्षद उसके साथ बने हुए हैं.

बता दें कि 2022 के महापौर चुनावों में, बीजेपी की सरबजीत कौर ने आम आदमी पार्टी की अंजू कात्याल को बहुत कम अंतर से हराया था.

जहां तक ​​पंजाब में राजनीतिक रुझान की बात करें तो चंडीगढ़ एक महत्वपूर्ण शहर है. चंडीगढ़ एक लोकसभा सीट भी है, और यहां से पिछले चार लोकसभा चुनावों में जो जीता है केंद्र में सरकार भी उसी की बनी है.

सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए भी AAP और बीजेपी में जंग

मेयर के साथ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का भी चुनाव हो रहा है. बीजेपी ने सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए कंवरजीत राणा और डिप्टी मेयर पद के लिए हरजीत सिंह को जबकि आप ने सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए तरुणा मेहता और डिप्टी मेयर पद के लिए सुमन सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

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