चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (Chandigarh University) में एक छात्रा की तरफ से अन्य छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने के मामले में, भारी विरोध प्रदर्शन के बीच अब अभिभावक अपने बच्चों को घर वापस बुला रहे हैं. कई पेरेंट्स अपने बच्चों को घर वापस लेने के लिए कैंपस में पहुंच भी गए हैं.
हॉस्टल के बाथरुम में लगभग 60 लड़कियों के वीडियो कथित रूप से इंटरनेट पर लीक होने के बाद, शनिवार 17 सितंबर की देर रात छात्राओं ने कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया. इस बीच रविवार देर रात पुलिस ने पुष्टि की कि उन्होंने मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है.
द क्विंट ने कुछ अभिभावकों से बात की, जिन्होंने कहा कि वे छात्राओं को घर लौटने के लिए कह रहे थे, क्योंकि वे अब कैंपस में "सुरक्षित नहीं" हैं. कई छात्रों ने दावा किया कि विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से 100 से अधिक छात्राओं ने हॉस्टल छोड़ दिया. द क्विंट ने प्रशासन से इसकी पुष्टि के लिए संपर्क किया.
नाम न बताने की शर्त पर एक अभिभावक ने कहा कि विरोध के बारे में सुनने के बाद वह दिल्ली से मोहाली चले गए. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने घबराहट में उन्हें फोन किया और घटना के बारे में बताया.
माता-पिता ने कहा कि "वे (हॉस्टल प्रशासन) लोग एक बिजनेस चला रहे हैं और छात्रों के बारे में ज्यादा परवाह नहीं करते)
एक और अभिभावक, किशन, जो पंजाब के फाजिल्का के रहने वाले हैं, ने विरोध प्रदर्शन के बाद अपनी बेटी को यूनिवर्सिटी के 'ले कॉर्बुइजर' हॉस्टल से घर वापस लाने के लिए पांच घंटे से ज्यादा यात्रा की.
'मूड ठीक करने के लिए एक दिन की पिकनिक'
पुलिस ने कथित तौर पर वीडियो लीक करने वाली छात्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT ACT) की धारा 354C के तहत मामला दर्ज किया है. ग्रामीण मोहाली के एसपी नवरीत सिंह विर्क ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की, लेकिन कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि "आरोपी का केवल एक ही वीडियो है"
इस बीच, छात्रों ने द क्विंट के साथ ऑडियो क्लिप साझा किया, जिसमें गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन लड़कियों को घटना के बाद अपना मूड ठीक करने के लिए आस-पास की जगहों पर एक दिन की पिकनिक पर जाने के लिए कह रही हैं.
"जो कोई भी एक दिन की यात्रा या पिकनिक पर जाना चाहता है, अभी मैं आपके पास आऊंगी. आप मुझे अपना नाम और मोबाइल नंबर दे सकते हैं. आज जो कुछ भी हुआ है उससे आपका मूड ठीक हो जाएगा. अभिभावकों से पहले अपनी अनुमति ले लें"
हालांकि, यूनिवर्सिटी ने कहा कि 'आपत्तिजनक' वीडियो शूट किए जाने का दावा पूरी तरह से "झूठा" और "निराधार" था.
यूनिवर्सिटी ने कहा, "अन्य छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो शूट करने की सभी अफवाहें पूरी तरह से झूठी और निराधार हैं. किसी भी छात्र का कोई वीडियो आपत्तिजनक नहीं पाया गया, सिर्फ एक लड़की ने एक निजी वीडियो शूट किया था, जिसे उसने अपने प्रेमी के साथ साझा किया"
'प्रशासन गैर जिम्मेदार, अभिभावकों को जवाब देने की जरूरत'
सेकेंड इयर की एक छात्रा के पिता ने द क्विंट से कहा कि "प्रशासन दावा कर रहा है कि अन्य छात्रों का कोई वीडियो नहीं बनाया गया, कह रहा है कि ये अफवाहें हैं, प्रशासन ने इन अफवाहों को पहले कैसे फैलाने दिया? छात्र रात भर धरने पर थे, क्यों थे उनके डर को शांत करने के लिए क्या किया गया, इस पर कोई जांच नहीं? यह गैर-जिम्मेदाराना है. मैं अपनी बेटी की पढ़ाई इस जगह पर कैसे जारी रख सकता हूं".
पिता ने कहा कि वह अपनी बेटी को वापस लेने के लिए सुबह 10 बजे लुधियाना से मोहाली चले गए. उन्होंने कहा,
"मैं तय करूंगा कि वह कब वापस जाएगी, लेकिन निश्चित रूप से तब तक नहीं जाएगी जब तक कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय और पंजाब पुलिस दोनों के पास जवाब न हो."
'यहीं रहेंगे और न्याय के लिए लड़ेंगे'
हालांकि फर्स्ट इयर की एक छात्रा ने कहा कि वह हॉस्टल नहीं छोड़ेगी, लेकिन उसके कई साथी जा रहे थे. छात्र ने कहा, "मेरे हॉस्टल में लड़कियों का वीडियो बनाया गया, लेकिन विश्वविद्यालय ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बजाय, वे इस तरह के वीडियो से इनकार कर रहे हैं. वार्डन ने आवाज उठाने वाली लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया. मैं यहीं रहूंगी और न्याय के लिए लड़ूंगी."
हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली फोरेंसिक साइंस में बीएससी कर रही मुस्कान यादव ने द क्विंट को बताया कि उसके माता-पिता उसे जल्द से जल्द घर लौटने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वो घर नहीं जाना चाहती.
"हम वास्तव में डरे हुए हैं. हम जानते थे कि हॉस्टल में चोरी हो सकती है, लेकिन वीडियो के लीक होने की उम्मीद नहीं थी. मेरे माता-पिता और परिवार हमें लगातार फोन कर रहे हैं. वे मुझे वापस आने के लिए कह रहे हैं, लेकिन मैंने उन्हें अभी आने के लिए नहीं बताया है. सबके माता-पिता आ रहे हैं."
यूनिवर्सिटी में बीबीए कर रही उन्नति ने कहा कि उसके माता-पिता उसे लेने जाना चाहते थे, लेकिन उसने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है. "मुझे नहीं पता कि क्या कहना है. मैं अभी भी सदमे में हूं, लेकिन मैंने अपने माता-पिता से इंतजार करने के लिए कहा है."
पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर मामला है, जांच की जा रही है. मैं यहां सभी छात्रों के अभिभावकों को आश्वस्त करती हूं कि आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा."
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