तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है. आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम को रविवार (10 सितंबर) की सुबह विजयवाड़ा के एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां जस्टिस हिमा बिंदू की कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए जेल भेज दिया. अब नायडू एसीबी कोर्ट के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
टीडीपी के वरिष्ठ प्रवक्ता के पट्टाभिराम ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नायडू भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अदालत के आदेश के खिलाफ सोमवार को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अपील करेंगे. अदालत के आदेश के बाद टीडीपी प्रमुख को विजयवाड़ा से 200 किलोमीटर दूर राजमुंदरी सेंट्रल जेल में ट्रांसफर कर दिया गया है.
आंध्रा में धारा 144 लागू, TDP ने बुलाया बंद
पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को जेल भेजने का आदेश सुनाए जाने के तुरंत बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने एहतियातन पूरे प्रदेश में रैलियों और बैठकों पर प्रतिबंध लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी है.
पुलिस ने राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किया है. धारा 144, जो चार या अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है, सभी मंडलों (ब्लॉक) में लागू रहेगी.
ये आदेश स्पष्ट रूप से विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के किसी भी विरोध को रोकने के लिए लगाए गए हैं.
नांदयाल में अपराध जांच विभाग (CID) द्वारा नायडू को गिरफ्तार किए जाने के बाद शनिवार से राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
वहीं, एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के विरोध में TDP ने सोमवार (11 सितंबर) को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. एक बयान में, टीडीपी आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष के अत्चन्नायडू ने पार्टी कैडर, लोगों और नागरिक समाज से आंदोलन में भाग लेने और इसे सफल बनाने का अनुरोध किया.
पार्टी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "नारा चंद्रबाबू नायडू की अवैध गिरफ्तारी, पार्टी कैडर पर अत्याचार और प्रतिशोध की राजनीति के विरोध में तेलुगु देशम पार्टी ने कल, सोमवार (11 सितंबर) को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है."
नायूड से 10 घंटे तक हुई पूछताछ
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार, 10 सितंबर की सुबह चंद्रबाबू नायडू को 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद मेडिकल जांच के लिए विजयवाड़ा के एक अस्पताल में ले जाया गया, वहां से उन्हें एसआईटी ऑफिस में शिफ्ट कर दिया गया.
आंध्र प्रदेश सीआईडी ने 9 सितंबर को अपने बयान में कहा था कि...
"पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 371 करोड़ के कौशल विकास घोटाले में मुख्य साजिश की है और वे 'आरोपी नंबर 1' हैं. सरकारी आदेश नायडू के निर्देशों के तहत जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य सरकारी खजाने को गलत नुकसान पहुंचाना और निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाना था."
9 सितंबर की सुबह 5.30 बजे पुलिस ने किया था गिरफ्तार
9 सितंबर 2023 की सुबह करीब 5ः30 बजे चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश पुलिस और CID ने गिरफ्तारी किया था. जब पुलिस चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार करने पहुंची तो वे अपने कैंप में आराम कर रहे थे. उन्हें गिरफ्तार करने नांदयाल रेंज के डीआईजी रघुरामी रेड्डी और सीआईडी के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स पहुंची थी.
क्यों हुए गिरफ्तार?
CBI ने 9 दिसंबर, 2021 को स्किल डेवलपमेंट घोटाले मामले में FIR दर्ज की थी. इसमें 25 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इसी डेवलपमेंट घोटाले मामले में चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया गया है.
क्या है कौशल विकास घोटाला?
आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का गठन आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद किया गया था. ये एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप था और इसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को कौशल देना और प्रशिक्षित करना था. सरकार ने इसकी जिम्मेदारी सीमेंस और डिजाइन टेक सिस्टम्स जैसी कंपनियों को सौंपी. इस योजना के तहत राज्य के युवाओं को बड़े उद्योगों में काम करने के लिए प्रशिक्षण देने थे. इसके लिए 6 कलस्टर बनाए गए थे.
इस योजना पर कुल 3000 करोड़ रुपये खर्च होने वाले थे. उस समय चंद्र बाबू ने घोषणा की कि सरकार इस योजना के तहत कुल खर्च का 10 प्रतिशत खर्च करेगी. बाकी बचा 90 प्रतिशत का खर्च प्रशिक्षण देने वाली कंपनी सीमेंस को देगी.
आंध्र प्रदेश में सीआईडी ने कौशल विकास के लिए जारी फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सबसे पहले दिसंबर 2021 में मामला दर्ज किया था. सीआईडी का आरोप है कि 2015 में सीमेंस इंडस्ट्री और डिजाइन टेक सिस्टम्स ने चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है.
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