चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा मिल गया है, जो चांद की सतह पर क्रैश हुआ था. ये दावा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने किया है. NASA ने तस्वीर जारी की है, जिसमें विक्रम लैंडर से प्रभावित जगह नजर आ रही है.
नासा के मुताबिक, उसके लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (LRO) ने चांद की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को ढूंढ लिया है.
NASA ने मंगलवार रात करीब 1:30 बजे विक्रम लैंडर के क्रैश वाली जगह की तस्वीर जारी की और बताया कि उसके ऑर्बिटर को विक्रम के तीन टुकड़े मिले हैं.
NASA ने एक बयान जारी कर कहा है कि विक्रम लैंडर मिल गया है. तस्वीर में नीले और हरे डॉट्स जरिए से लैंडर के मलबे वाला एरिया दिखाया गया है.
NASA के दावे के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा उसके क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिला. मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सल के हैं.
क्या कहा नासा ने?
नासा ने अपने बयान में कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की थी और कई लोगों ने विक्रम लैंडर के संकेतों की खोज के लिए इसकी तस्वीरें डाउनलोड की थी. इसकेे बाद षण्मुगा सुब्रह्मण्यम नाम के एक शख्स ने मलबे की पहचान के साथ एलआरओ प्रोजेक्ट से संपर्क किया. षण्मुगा ने मुख्य क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की थी.
लैंडिंग से पहले टूटा था विक्रम से संपर्क
बता दें कि 15 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 के लॉन्च होने से महज एक घंटे पहले लॉन्च व्हीकल में तकनीकी समस्या के चलते मिशन रोक दिया गया था. इसके बाद 22 जुलाई को भारत ने अपने हैवी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV MkIII-M1 की मदद से चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था.
सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन सात सितंबर को चंद्रयान-2 के विक्रम का चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश सफल नहीं हो पाई थी. आखिरी क्षणों में इसका जमीनी केंद्र से संपर्क टूट गया था और वो क्रैश हो गया था.
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