पूरे भारत में मौसम ने अचानक करवट ली है, कई राज्यों में तेज बारिश हो रही है तो कहीं बर्फबारी शुरू हो चुकी है. जहां एक ओर तमिलनाडु (Tamil Nadu) और केरल (Kerela) में लोग भारी बारिश के कारण बाढ़ (Floods) से प्रभावित हुए हैं, वहीं उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार भूस्खलन हो रहा है. जिसका असर अब चारधाम यात्रा पर पड़ रहा है.
उत्तराखंड (Uttrakhand) के कई इलाको में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी कर दिया गया है, जिसके बाद कुछ समय के लिए केदारनाथ (Kedarnath) यात्रा और बद्रीनाथ (Badrinath) धाम की यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है.
कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद
भारी बारिश के कारण ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धारी देवी मंदिर के पास पहाड़ टूटने के कारण रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया. राजमार्ग से गुजर रहे लोगों ने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई.
उत्तराखंड के मंत्री धान सिंह रावत के अनुसार उत्तराखंड के तीन मुख्य मार्ग पूरी तरह से ब्लॉक हो चुके हैं. मंत्री ने दावा किया कि सरकार किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए तैयार है.
उत्तराखंड के गंगोत्री में भी बर्फ की परत जम गई जिसकी वजह से इलाके के तापमान में भारी गिरावट देखी गई.
बर्फबारी से बिगड़ा मौसम का मिजाज
जहां एक ओर समतल इलाकों में बारिश के कारण हालात बिगड़े तो वहीं पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई, जिसके कारण उत्तराखंड के कई इलाकों में पर्यटन और यतायात प्रभावित हुआ है.
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि,
"मौसम विभाग की ओर से हाई अलर्ट जारी हुआ है, जिसमें दो दिनों की भारी बारिश की संभावना जताई गई है. ऐसे में जिला प्रशासन ने निर्णय लेकर आज सुबह से यात्रा पर रोक लगाई है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है."मनुज गोयल
लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण उत्तराखंड के तामपान में भारी गिरावट देखी गई है.
उत्तराखंड मौसम विभाग की और से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और पहाड़ो पर न जाने की सलाह दी गई है. बर्फबारी के कारण केदारनाथ में कई यात्रियों के फंसे होने की खबर थी जिन्हें अब प्रशासन द्वारा सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है.
उत्तराखंड प्रशासन की तरफ से कुछ दिनों तक स्कूल और कॉलेज बंद रखने के भी निर्देश दिए गए हैं.
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग के साथ एक समीक्षा बैठक भी बुलाई.
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