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चेन्नई: "दलित होने की वजह से मेरे पति की हत्या की" युवती ने भाई-परिवार पर लगाया आरोप

Caste Pride Murder: डी शर्मिला कहती हैं, "क्या हर चीज में जाति ही मायने रखती है? क्या हमें किसी से प्यार करने से पहले उसकी जाति देखनी चाहिए?"

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( चेतावनी: इस लेख में जातिवादी हिंसा का जिक्र है. पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें.)

21 साल की डी शर्मिला दुख भरे आवाज में सवालिया लहजे में कहती हैं, "उन्होंने मेरे पति की बेरहमी से हत्या कर दी, क्यों? क्योंकि वह एक ‘निचली जाति’ का था और उन्होंने हमारी शादी को स्वीकार नहीं किया. मैं किससे शादी कर सकती हूं और किससे नहीं यह तय करने वाले वे कौन होते हैं?"

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डी शर्मिला कहती हैं, "क्या हर चीज में जाति ही मायने रखती है? क्या हमें किसी से प्यार करने से पहले उसकी जाति देखनी चाहिए?"

तीन दिन पहले, 24 फरवरी को शर्मिला के 22 साल के पति जी प्रवीण की शर्मिला के भाई सहित पांच लोगों के एक गैंग ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के पल्लीकरनई इलाके में एक बार के पास कथित तौर पर हत्या कर दी थी.

25 फरवरी को चेन्नई पुलिस ने घटना के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इसमें शर्मिला के बड़े भाई दिनेश (23), श्रीराम (18), स्टीफन कुमार (24), ज्योति लिंगा (25) और विष्णु राज (25) शामिल थे. 

पुलिस अधिकारियों ने द क्विंट को बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि प्रवीण और शर्मिला ने अक्टूबर 2023 में भागकर शादी कर ली थी. प्रवीण एक कार मैकेनिक था. वहीं परिवार ने उनके अंतरजातीय विवाह को अस्वीकार कर दिया था.

अधिकारियों ने यह भी कहा कि प्रवीण की हत्या का एक एंगल बदले की भावना भी थी, क्योंकि प्रवीण कथित तौर पर 2022 में एक गांजे की तस्करी करने वाले एक शख्स की हत्या में शामिल था.

प्रवीण आदि द्रविड़ समुदाय से थे. ये समुदाय अनुसूचित जाति (SC) श्रेणी में आता है, जबकि शर्मिला यादव जाति से हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आता है.

'हम एक-दूसरे से 10वीं क्लास से प्यार करते थे, लेकिन परिवार वाले हमारे रिश्ते को खत्म करना चाहते थे.'

चेन्नई के जल्लादियानपेट इलाके की रहने वाली शर्मिला तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. उसके दो बड़े भाई हैं. इसमें दिनेश प्रवीण की हत्या मामले में आरोपी है. वहीं प्रवीण ने 10वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी थी. उनके पिता गोपी पल्लीकरनई में एक कार मैकेनिक हैं. उनकी माता चित्रा गृहणी हैं. प्रवीण इनके सबसे छोटे बेटे थे.

26 फरवरी को द क्विंट के साथ टेलीफोन पर बातचीत में शर्मिला ने कहा कि वह और प्रवीण पिछले सात सालों (स्कूल के दिनों) से रिश्ते में थे.

डी शर्मिला ने द क्विंट को बताया, "हम चेन्नई के एक ही स्कूल में पढ़ते थे और 2016 से रिलेशनशिप में थे. मेरे माता-पिता तब से इसके बारे में जानते थे लेकिन वे इसके खिलाफ थे क्योंकि वह निचली जाति से था. उन्होंने मुझे कई बार इस रिश्ते को तोड़ने के लिए कहा, लेकिन मैंने नहीं किया. 2023 में मेरे माता-पिता ने मेरे लिए वर ढूंढना शुरू किया. लेकिन मैं प्रवीण से शादी करना चाहती थी. मैंने सोचा कि वे समय के साथ इसके लिए राजी हो जाएंगे. उन्हें लाख समझाने की कोशिश करने के बावजूद वे नहीं माने. वह दौर मेरे लिए काफी कठिन था. मैं उस वक्त घर पर नहीं रहना चाहती थी."

19 अक्टूबर 2023 को शर्मिला के परिवार के विरोध के बावजूद प्रवीण और शर्मिला ने शादी कर ली और बाद में प्रवीण के घर चले गए. शर्मिला ने दावा किया है कि शादी के तुरंत बाद उनके माता-पिता ने कथित तौर पर धमकी दी और प्रवीण के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.

शर्मिला ने द क्विंट को बताया कि अक्टूबर 2023 में उनके माता-पिता ने प्रवीण के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रवीण ने उनका अपहरण कर लिया था. जब दंपति यह साफ करने के लिए पुलिस स्टेशन गए कि उसने शादी के लिए सहमति दी है, तो उसके भाई दिनेश ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी.

परेशान होकर शर्मिला ने कहा, "मेरे माता-पिता और भाई (दिनेश) पुलिस स्टेशन गए थे और शिकायत दर्ज कराई थी. दिनेश ने मुझे और प्रवीण दोनों को जान से मारने की धमकी दी थी. उन्होंने कहा था, 'मेरे लिए मेरी बहन से ज्यादा मेरी जाति महत्वपूर्ण है. मैं तुम दोनों को मार डालूंगा. मेरे माता-पिता ने मुझे अस्वीकार कर दिया और कहा कि मैं उनकी बेटी नहीं हूं."

प्रवीण की मां चित्रा ने क्विंट से बात करते हुए आरोप लगाया कि दिनेश ने पूरे परिवार को 'बर्बाद' करने की धमकी दी थी. चित्रा ने कहा, "उसने हमसे कहा था कि वह हमारी जिंदगी को नर्क बना देगा."

24 फरवरी को क्या हुआ?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर द क्विंट को बताया कि यह घटना शनिवार, 24 फरवरी को रात लगभग 9 बजे हुई, जब प्रवीण अपने परिवार के लिए रात का खाना खरीदने के लिए बाहर निकले थे.

"जब प्रवीण रास्ते में था तो उसे एक दोस्त श्रीराम का फोन आया. जिसने प्रवीण को एक जगह पर मिलने के लिए कहा. जैसे ही प्रवीण वहां पहुंचा, उसने देखा कि वह अपने बहनोई सहित पांच लोगों के एक ग्रुप से घिरा हुआ था. इन लोगों ने कथित तौर पर प्रवीण को चेहरे और शरीर के कई जगह को काटा. जब वह मर गया तो पांचों लोग वहां से भाग गए. हमें लगभग 9:30 बजे एक कॉल आया और हमारी टीम उन्हें क्रोमपेट सरकारी अस्पताल ले गई, जहां प्रवीण को मृत घोषित कर दिया गया."
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द क्विंट को बताया

शर्मिला ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में तब पता चला, जब प्रवीण का एक दोस्त ‘रोते हुए घर आया’.

शर्मिला कहती हैं, 'मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है, इसलिए मैंने प्रवीण को फोन करने की कोशिश की लेकिन मैं उससे संपर्क नहीं कर पा रही थी. तभी एक पुलिस अधिकारी घर आया और मेरी सारी डिटेल ले ली और मुझे स्टेशन आने को कहा. तभी मुझे पता चला कि प्रवीण की हत्या कर दी गई है.'

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पुलिस के अनुसार, दिनेश ने कथित तौर पर श्रीराम से संपर्क किया था क्योंकि वह प्रवीण को चोट पहुंचाना चाहता था. अधिकारियों ने कहा कि इस अपराध की इकलौती वजह जातिगत घृणा नहीं है.

पुलिस अधिकारियों ने द क्विंट को पुष्टि की कि प्रवीण को 2022 में एक गांजा विक्रेता की हत्या में आरोपी के रूप में नामित किया गया था और अन्य चार आरोपी (श्रीराम, स्टीफेन, ज्योति लिंगा और विष्णु) कथित तौर पर उसी का बदला लेना चाहते थे.

पुलिस अधिकारियों ने कहा, "ऐसा लगता है कि दिनेश ने हत्या को अंजाम देने के लिए श्रीराम से संपर्क किया था. श्रीराम और चार अन्य लोग पिछली हत्या का बदला लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने दिनेश के साथ गिरोह बना लिया. हालांकि, अपने ताजा बयान में दिनेश ने दावा किया कि वह केवल प्रवीण को चोट पहुंचाना चाहता था, उसे मारना नहीं. लेकिन वह अपने अपराध को छिपाने के लिए ऐसा कह सकता है. जांच के बाद और अधिक स्पष्ट हो जाएगा."

हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि चार अन्य आरोपी गांजा तस्कर से कैसे जुड़े थे. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.

क्विंट ने चेन्नई पुलिस से बात करने के बाद बदला लेने के एंगल पर शर्मिला से संपर्क किया था. जब वह जवाब देगी तो इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और 149 (गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की 3 (2) (वी) के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्हें सोमवार, 27 फरवरी को अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

'मेरे बेटे का चेहरा खराब हो गया था. क्या जातीय गौरव इतना हावी हो सकता है कि किसी की जान ले लें?

चित्रा ने क्विंट को बताया कि प्रवीण की मौत के साथ, "पूरे परिवार के जीवन में उथल-पुथल आ गया है."

उन्होंने कहा, "मैंने एक सुंदर बेटे को जन्म दिया था. लेकिन जब उसका डेडबॉडी लौटी तो उसका चेहरा खराब हो गया था. उन्होंने मेरे बेटे को बुरी तरह से काट दिया था. मैं उसका चेहरा भी देख नहीं सकती थी."

इस बीच शर्मिला अपने पति की हत्या के लिए न्याय चाहती हैं.

शर्मिला ने कहा, "मेरे और मेरे परिवार के साथ जो हुआ वह यातना है. मैं नहीं चाहती कि किसी दूसरे अंतरजातीय कपल को इसका सामना करना पड़े. जो कुछ भी हुआ है उसके लिए हमें न्याय चाहिए. मैं चाहती हूं कि मेरा भाई और अन्य आरोपी जेल में सड़ जाएं."

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