छठ पूजा पर डिजिटल रंग चढ़ने लगा है जिसने इसे रोचक बना दिया है. जो लोग इसे महज बिहार के त्योहार के रूप में देखते थे वो दूर रह कर भी इसे बेहद करीब से जानने लगे हैं.
फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर सहित सभी डिजिटल प्लेटफार्म छठ पूजा के वीडियो से पटे पड़े हैं. फेसबुक पर खासतौर पर छठ के कई पेज बने हुए हैं, जो छठ की हर गतिविधि को मिनट टू मिनट अपडेट कर रहे हैं. और इन पेजों से हजारों की संख्या में लोग जुड़े हुए हैं.
अब स्मार्टफोन से बजाए जा रहें छठ गीत
छठ के गीत और परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन वक्त के साथ इसमें कुछ बदलाव दिख रहा है. बदलाव इन गीतों को लेकर है. पहले इन गीतों के कैसेट बाजार में कई महीने पहले से आ जाते थे. लेकिन डिजिटल इंडिया के इस दौर में बड़े-बड़े टेप रिकॉर्डर का दौर खत्म हो चुका है और अब गानों के लिए स्मार्टफोन ही काफी हो गया है.
डिजिटल इंडिया के इस दौर में अब इससे एक कदम आगे फेसबुक पर सिंगर लाईव प्रोग्राम कर रहे हैं. गायकों के लिये बनारस के घाट ही रिकार्डिंग स्टूडियों और फेसबुक लोगों तक पहुंचने का जरिया बन गये हैं.
ऐसी ही एक गायिका ममता शर्मा हैं, जो बनारस के अस्सी घाट पर बड़ी तन्मयता से छठ के गीत गा रही थीं, और उनके पति फेसबुक के जरिये उसे लाईव कर रहे थे. ममता कहती हैं कि आज डिजिटल का दौर है. यहां कोई मंच नहीं है, कोई माईक नहीं है , ज्यादा लोग नहीं है फिर भी मैं हजारों लोगों तक पहुंच रही हूं. अगर आपके अंदर हुनर है , लोग आपको चाहते हैं तो इसके जरिए आप अपने श्रोताओं तक पहुंच सकते हैं.
छठ पर्व पर सिर्फ गायिका ही डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर रहीं, बल्कि व्रत रखने वाले परिवार और महिलायें भी इसका भरपूर इस्तेमाल कर रही हैं. बहुत से ऐसे परिवार हैं जो छठ पूजा में शामिल नहीं हो पायें हैं तो वो वॉट्सऐप के जरिये वीडियो कॉलिंग से जुड़ते नजर आये. दूर रह कर भी परिवार के साथ रहे, और छठी मईया का आशीर्वाद ले रहे थे.
इस पर्व की महत्ता इतनी है कि बहुत से लोग ऐसे भी नजर आये जिनके परिवार में किसी ने व्रत नहीं किया है फिर भी वो घाट पर सिर्फ घूमने आये हैं. वो इस पूजा में शामिल होने से अपने को नहीं रोक पाये और सिर्फ शामिल ही नहीं हुए बल्कि इसकी छटा को अपने दोस्तों तक पहुंचाने के लिये घाटों पर जगमगाते दीयों के साथ उनमें सेल्फी लेने की होड़ भी दिखी.
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