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छत्तीसगढ़ में दलित-आदिवासी युवाओं के नग्न विरोध प्रदर्शन पर बवाल, 29 गिरफ्तार

प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा कि उन्होंने एक अहम मुद्दे को उजागर करने के लिए नग्न विरोध प्रदर्शन किया था.

Published
भारत
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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बुधवार, 19 जुलाई को विधानसभा का सत्र बेहद हंगामे भरा रहा. इस दौरान विरोध, नारेबाजी हुई और विपक्षी विधायकों को निलंबित भी किया गया. फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार, 18 जुलाई को छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के पहले दिन दो दर्जन आदिवासी-दलित युवकों के कपड़े उतारकर विरोध प्रदर्शन करने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.

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प्रदर्शनकारियों ने राज्य विधानसभा तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन रायपुर पुलिस ने उन्हें बीच में ही हिरासत में ले लिया. घटना के सिलसिले में 29 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस के द्वारा जारी किए प्रेस नोट के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन की जांच करने पर उनके द्वारा नग्न कर बनाया गया अश्लील वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुपों में वायरल भी किया गया था. पुलिस ने 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर अपराध संख्या 213/23 धारा 146 (गैरकानूनी रूप से एकत्र होकर हिंसा करना), 147, 353, 332, 294 और 67 (ए) आईटी एक्ट के तहर केस दर्ज कर जेल भेज दिया.

युवावों का ग्रुप छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार में कार्यरत लोगों को फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप लगा विरोध कर रहा था.

फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

प्रोटेस्ट के नेता विनय कौशल ने मीडिया को बताया कि फर्जी प्रमाणपत्र मामले पर उन्होंने अधिकारियों से बात की है. उन्होंने दावा किया कि 250 से अधिक लोगों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर अनुचित लाभ उठाया है और सरकारी नौकरियों में हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर 264 लोग सरकारी नौकरियों में हैं. हमने 16 मई को आमरण अनशन किया था लेकिन सरकार और प्रशासन ने इस मामले में कुछ नहीं किया. हम सिर्फ उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करवाना चाहते हैं, जिन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करके गलत लाभ उठाया है.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्होंने ध्यान आकर्षित करने, जनता और सरकार के सामने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मुद्दे को उजागर करने के लिए नग्न विरोध प्रदर्शन किया था.

इस घटना ने देश का ध्यान खींचा क्योंकि राहगीरों ने सड़क पर नग्न मार्च कर रहे और नारे लगाते हुए लोगों के कथित वीडियो बनाए और सोशल मीडिया पर प्रसारित किए.

'जंगल राज': बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सत्तारूढ़ भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों के खिलाफ एकशन नहीं लेने पर सवाल उठाया.

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छत्तीसगढ़ बीजेपी के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुए नग्न प्रदर्शन पर बीजेपी विधायक दल ने राजभवन मार्च किया. सभी ने एक स्वर में कहा कि जनता को प्रताड़ित करने वाली कांग्रेस सरकार जनमत खो चुकी है. ये भूपेश सरकार सिर्फ छत्तीसगढ़ पर कलंक ही लगवा रही है.

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रमन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि

दलित और आदिवासी युवाओं ने इस सरकार से न्याय पाने की सारी उम्मीदें खो दी थीं. इस सरकार ने उन युवाओं की मांगों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई, जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध कर रहे थे.
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रमन सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रदेश की जनता का हक मारकर कांग्रेस की झोली भरना ही इस सरकार का एकमात्र उद्देश्य रह गया है. SC-ST वर्ग के युवाओं को निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने पर मजबूर करने बाद भी दाऊ भूपेश बघेल ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई. उल्टा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर एक बार फिर अपने जंगलराज का नमूना प्रस्तुत किया है.

छत्तीसगढ़ के सामान्य प्रशासन विभाग के 25 नवंबर, 2020 के एक आदेश पत्र में कहा गया था कि उसने 2000-2020 के बीच फर्जी जाति प्रमाण पत्र के 267 मामलों की पहचान की गई है.

बीजेपी के आरोपों के जवाब में कांग्रेस पार्टी ने कहा कि 269 मामलों में कार्रवाई की गई है और 40 लोगों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि बर्खास्तगी के 90 मामलों पर अदालत ने रोक लगा दी है और 16 मामलों में लोग या तो मर चुके हैं या रिटायर हो चुके हैं.

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