छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नारायणपुर में चर्च में तोड़फोड़ की गई. मदर मेरी और जीसस की प्रतिमा तोड़ी गई. भीड़ को काबू करने करने गई पुलिस पर भी हमला हुआ, जिसमें एसपी सदानंद कुमार के सिर में गंभीर चोट आई. जिस रैली में शामिल भीड़ ने ये सब किया उसका नेतृत्व कर रहे थे बीजेपी जिलाअध्यक्ष रूपसाय सलाम.
क्या है पूरा मामला?
18 दिसंबर को नारायणपुर के कई गांवों से ईसाइयों को उनके घरों भगा दिया गया. ये लोग कलेक्टोरेट पहुंचे और इंसाफ की गुहार लगाई. प्रशासन ने इन बेघर कर दिए गए इन लोगों को एक इंडोर स्टेडियम में ठहराया. 1 जनवरी को फिर से कुछ गांवों में झड़प हुई जिसमें दोनों पक्षों के लोग जख्मी हुए. 2 जनवरी को बीजेपी जिला अध्यक्ष और पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण मरकाम में रैली निकली जो हिंसक हो गई. रैली में शामिल लोगों ने एक चर्च पर हमला बोल दिया. पुलिस बीच में आई तो उसपर भी पथराव हुआ जिसमें एसपी सदानंद और एक और पुलिस कर्मी जख्मी हुआ. इसके बाद विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए और सुरक्षाकर्मियों को बुलाया गया.
पुलिस ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर शहर में आदिवासियों के एक समूह द्वारा सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी पर हमला किया गया.
एसपी सदानंद कुमार ने अस्पताल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी दोपहर में विश्व दीप्ति क्रिश्चियन स्कूल के पास पहुंचे और स्कूल परिसर में स्थित एक चर्च की ओर बढ़ने की कोशिश की.
इसके बारे में सतर्क होने के बाद, मैं तुरंत अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की. वे आश्वस्त लग रहे थे और लौटने वाले थे, लेकिन अचानक किसी ने मेरे सिर पर हमला कर दिया.सदानंद कुमार, SP
जिले में एक महीने से धर्मपरिवर्तन को लेकर तनाव है लेकिन हिंसा रोकने में प्रशासन नाकाम रहा है.
इनपुट क्रेडिट- मोहम्मद इमरान
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)