छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार में मंत्री रविंद्र चौबे कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक हैं. साजा विधानसभा क्षेत्र से पिछले 8 साल से लगातार विधायक रहे हैं. इन 8 सालों में वह सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं. रविंद्र चौबे का करीब 45 साल का राजनीतिक अनुभव रहा है.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. क्विंट हिंदी ने उनसे से चुनावों में भगवान राम, धर्मांतरण और आदिवासी जैसे मुद्दों को लेकर बातचीत की है.
बीजेपी का आरोप है कि फ्लैगशिप योजना नरवा फेल हो गई है?
इस सवाल पर कांग्रेस के मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा- अलग-अलग बातें हैं और यह विपक्ष के चश्मे का दोष है. ये छत्तीसगढ़ का कल्चर है. नरवा का आशय वाटर कंजर्वेशन से है. गरवा का आशय गाय-माता कि सेवा से है. गुरुवा का आशय प्राकृतिक खेती है. सबसे पहले विपक्ष को यह समझना होगा.
दूसरी बात यह है कि नरवा योजना के अंतर्गत हमने छत्तीसगढ़ में अनेकों नालों का निर्माण कराया है. वाटर लेवल उनका उपर हो गया है. इनको राजनीति करना है. गोठान के बारे में लगातार बात कहते हैं कि गोठान में गईया नहीं रहती. हमने कभी नहीं कहा कि गोठान गायों को रखने के लिए बनाया गया है. वो गोशाला नहीं है. गोठान का मतलब गाय वहां आएगी, वहां जो गोबर इकठ्टा होगा, उससे हम वार्मिग कपोस्ट बनाएंगे. और शाम को गाय चली जाएगी.
छत्तीसगढ़ में 36 लाख वार्मिग कपोस्ट जा चुका है. यह कोई छोटी-मोटी घटना नहीं है. इस काम के लिए हमें केंद्र सरकार ने भी प्रोत्साहन दिया है. इस योजना को कई राज्यों ने लागू किया है. अब किसान एडवांस में खेती करता है. बीजेपी की सरकार में किसान 52 लाख मेट्रिक धान खरीदते थे..आज हम 107 लाख मेट्रिक टन धान खरीदते हैं. इस वर्ष हम 140 लाख मेट्रिक टन जाने वाला है. लगभग 3 गुना विस्तार और यह अपने आप में क्रांति है. अब उनके समझ में नहीं आ रहा है तो ये उनके चश्मे का दोष है.
विपक्ष का आरोप- सिंचाई का रकबा जस का तस है?
रविंद्र चौबे ने बताया कि मुझे लगता है कि माननीय अग्रवाल जी विपक्ष के धर्म को पूरा कर रहे हैं. हम और बृजमोहन जी छात्र राजनीति से एक-साथ आए हैं. हम दोनों विधानसभा में एक-साथ बैठे हैं. लेकिन उनके पास भी कृषि विभाग वो अपने समय में क्या कर पाए वो उन्हें बताना होगा. 15 साल में बीजेपी ने क्या किया बताएं? कॉन्सेप्ट समझते नहीं है. और आरोप लगा देते हैं.
क्या आप भी बीजेपी की राह पर चल भगवान राम का इस्तेमाल कर रहे हैं?
बीजेपी ने इन मुद्दों को वोट बैंक के लिए किया है. राम उनका आस्था का प्रतीक नहीं है. राम उनके वोट का प्रतीक है. हमारे राम और उनके राम में बहुत अंतर है. उनका राम वोट के लिए राम. उनका राम हमने देखा है. विश्व हिंदू परिषद ने राम शिला पूजन कराया था. वो नोट के लिए राम. उनका राम देश में लड़ाई-दंगा भड़काने के लिए..चोट के लिए राम. हमारा राम तो सब का राम है..गरीबों का राम है..दीन-बंधु जिसको कहते है न..हमरा राम वनवासी राम है.बीजेपी के राम और छत्तीसगढ़ के जिस राम की कल्पना करते हैं वो दोनों अलग है. राम के लिए बीजेपी ने कुछ नहीं किया..कौशल्या के मंदिर को कांग्रेस की सरकार ने किया कायाकल्प. राजनीति के लिए हम राम की बात नहीं करते
विधानसभा क्षेत्र साजा के बिरनपुर में हिंदू-मुस्लिम विवाद हुआ, कुछ लोगों की मौत भी हुई, क्या कहेंगे आप?
ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. दो बच्चे, एक बच्चे की उम्र 9 साल और दूसरे की उम्र 11 साल, दोनों साइकिल से जा रहे थे और एक्सीडेंट हो जाता है. एक बच्चे के हाथ में लग जाता है. दोनों घरों में सहमति बन जाती है. लेकिन सभी बीजेपी के नेता वहां जाकर हंगामा करते हैं. और कहते हैं कि मुस्लिम बच्चे से हिंदू बच्चे को टक्कर हो गया. और बलवा करवा दिया. और दो गरीबों की मौत हो गई. ये कोई राजनीति है..
छत्तीसगढ़ में स्कूलों के सुधार के लिए आपने क्या किया?
मैं इस बात से इनकार नहीं करूंगा कि एक कमरे में कई कक्षाएं चली. शिक्षा मंत्री बने मुझे एक महीने भी नहीं हुआ. बीजेपी ने 15 साल में कुछ नहीं किया. अभी शिक्षकों की कमी और स्थानांतरण को लेकर लोगों की शिकायतें आईं तो मैंने प्रदेश के कई जॉइंट डायरेक्टर और डिप्टी डायरेंक्टर निलंबित किया हूं. मैं सुधार का प्रयास कर रहा हूं, आप जहां की बात कर रहे हैं मैं उसको लेकर कुछ करूंगा.
बता दें कि इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में चुनाव होने की संभावना है. छत्तीसगढ़ 90 विधानसभा सीटों वाला प्रदेश है. यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला रहेगा हालांकि इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी रेस में शामिल होने की जोरों से तैयारी कर रही है.
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