नीति आयोग ने कृषि कानूनों से संबंधित जानकारी की अपील करने वाली एक्टिविस्ट अंजली भारद्वाज की RTI को खारिज कर दिया था. अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने इस मुद्दे पर नीति आयोग को आड़े हाथों लिया है.
चिदंबरम ने लिखा, "नीति आयोग की कृषि पर मुख्यमंत्रियों की समिति ने सितंबर 2016 में 16 महीने के विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी. लेकिन इसके बावजूद भी यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. ऐसा क्यों है, कोई नहीं जानता. कोई इसका जवाब नहीं देगा."
एक दूसरे ट्वीट में चिदंबरम लिखते हैं, "इसे कारण बताते हुए रिपोर्ट की कॉपी RTI के जरिए मांगी थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया."
चिदंबरम ने एक्टिविस्ट अंजली भारद्वाज के जज्बे को सलाम भी किया है. उन्होंने कहा, "मैं अंजली भारद्वाज के जज्बे और एकाग्रचित तरीके से सूचना की खोज की भावना को सलाम करता हूं."
देश भर में जारी हैं प्रदर्शन
बता दें 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें सबसे जबरदस्त प्रदर्शन राजधानी दिल्ली की सीमा पर जारी है. यहां किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनस्थल बना दिए हैं. इस बीच सरकार और किसानों के बीच कई राउंड की बेनतीजा बातचीत भी हो चुकी है. अब आगे किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है.
इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों वाली एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, लेकिन इसमें शामिल लोगों के नामों पर विवाद हो गया है. किसानों को कहना है कि यह सभी लोग कृषि कानूनों के प्रबल समर्थक हैं. ऐसे में बातचीत में तटस्थता और निष्पक्षता की कमी रह जाएगी. कमेटी के दोबारा गठन के लिए भी अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है.
पढ़ें ये भी: बजट सत्र में विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी की कार्रवाई करेगा:येचुरी
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)