कांग्रेस के बड़े नेता पी. चिदंबरम ने कश्मीर के IAS अफसर शाह फैसल के इस्तीफे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. चिदंबरम ने कहा कि इस कदम से ‘‘दुनिया उनकी पीड़ा और आक्रोश पर ध्यान देगी.''
अपने सिलसिलेवार ट्वीट में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि पहले कश्मीरी IAS टॉपर रहे फैसल ने जो कुछ भी कहा है, वह नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराता है. उन्होंने कहा,
हालांकि दुखद है, लेकिन मैं IAS अफसर (अब इस्तीफा दे चुके) शाह फैसल को सलाम करता हूं. उनके बयान का हर शब्द सच है और बीजेपी सरकार को दोषी ठहराने वाला है. दुनिया उनकी पीड़ा और आक्रोश पर ध्यान देगी.
‘हमारा सिर शर्म से झुक जाना चाहिए’
चिदंबरम ने कहा कि कुछ समय पहले ही पंजाब के पूर्व डीजीपी और मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त जूलियो रिबेरो ने भी यही बात कही थी, लेकिन "शासकों की तरफ से उन्हें आश्वासन का एक शब्द तक भी नहीं मिला.''
उन्होंने कहा-
“हमारे देश के नागरिकों के ऐसे बयानों से हमारा सिर अफसोस और शर्म से झुक जाना चाहिए.”
चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार को लेकर रिबेरो ने तब कहा था कि देश को समावेशी विकास की जरूरत है न कि कुछ वर्गों की.
कश्मीर के पहले IAS टॉपर शाह फैसल ने इस्तीफे के पीछे बताई थी ये वजह
सिविल सेवा परीक्षा 2009 को टॉप करने वाले पहले कश्मीरी IAS अफसर शाह फैसल ने कश्मीर में कथित रूप से लगातार हो रही हत्याओं और भारतीय मुसलमानों के हाशिये पर होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को इस्तीफा दे दिया था.
35 साल के फैसल ने फेसबुक पर लिखा कि उनका इस्तीफा,
‘‘हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों को हाशिये पर धकेलने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों और भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता और नफरत की बढ़ती संस्कृति के खिलाफ है.’’
हाल ही में विदेश में प्रशिक्षण पाकर लौटे और पोस्टिंग का इंतजार कर रहे फैसल ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं के मामलों और इन पर केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के चलते, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
शाह ने कहा, ‘RBI, CBI और NIA जैसी संस्थाओं को पहुंचाया जा रहा है नुकसान’
फैसल ने केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का नाम तो नहीं लिया लेकिन परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आरबीआई, सीबीआई और एनआईए जैसी सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे इस देश की संवैधानिक इमारत ढह सकती है और इसे रोकना होगा.
उन्होंने कहा,
‘‘मैं दोहराना चाहता हूं कि इस देश में आवाजों को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता और अगर हम सच्चे लोकतंत्र में रहना चाहते हैं तो हमें इसे रोकना होगा.’’
एमबीबीएस डिग्री धारी फैसल ने IAS में चुने जाने और इसके आगे की यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि मेरा एक महत्वपूर्ण काम प्रशासनिक सेवा में आना चाह रहे युवाओं को प्रशिक्षित करना होगा ताकि उनका सपना पूरा हो.
राजनीति में जाने के प्रबल संकेत
फैसल अपनी आगे की योजना को लेकर कुछ नहीं बोले और उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को इस बारे में मीडिया को बताएंगे.
शाह फैसल ने फेसबुक पर राजनीति में आने का संकेत देते हुए लिखा है-
हजारों लोगों ने मेरे इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है. मुझे इसकी पूरी उम्मीद थी.अब मैं इस्तीफा दे चुका हूं. इसके बाद मैं जो करने जा रहा हूं वह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कश्मीरी लोग मुझसे क्या चाहते हैं. खासतौर पर युवा.मेरे पास एक विचार है कि मैं इसे कैसे कर सकता हूं. मुझे यकीन है कि आपके पास भी विचार हैं और आप चाहते हैं कि अंतिम फैसला लेने से पहले मैं उन विचारों को बताऊं. अगर आप फेसबुक / ट्विटर से बाहर आकर, कल (शुक्रवार) श्रीनगर में साथ देने के लिए तैयार हैं, तो हम एकसाथ ये सोच सकते हैं. राजनीति पर मेरी पसंद असली लोगों से तय होगी, ना कि फेसबुक पर आने वाले लाइक और कमेंट्स से. कौन-कौन आ रहा है ये जानने के बाद ही मैं मिलने की जगह के बारे में बताऊंगा. तो देखते हैं सैकड़ों और हजारों लोगों में से दे कितने लोग साथ देने और बात करने के लिए तैयार हैं.
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो शाह फैसल नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो सकते हैं और बारामूला से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
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