पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है. 26 अगस्त तक चिदंबरम सीबीआई हेडक्वॉर्टर में ही रहेंगे. लेकिन अगर उन्हें राहत नहीं मिलती है तो रिमांड खत्म होते ही उन्हें तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जा सकता है. अगर उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया तो वहां उनकी रातें लकड़ी के सख्त तख्त पर गुजरेंगी. वहां न आरामदायक तकिया-गद्दा होगा और न ही एसी की ठंडी हवा.
सीबीआई हेडक्वॉर्टर में किसी भी केस के आरोपी के लिए कुछ सुविधाएं दी जाती हैं. लेकिन तिहाड़ में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल कैदी के तिहाड़ जेल पहुंचने की खबर से जेल प्रशासन भी सजग हो गया है. तिहाड़ में इसके लिए इंतजाम भी शुरू हो चुके हैं.
सेफ नहीं है जेल नंबर-7
तिहाड़ जेल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि यूं तो आर्थिक मामलों के विचाराधीन कैदियों को अमूमन जेल नंबर-7 में ही रखा जाता है. यह अलग बात है कि मौजूदा वक्त में 7 नंबर जेल में कोई हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधों से जुड़े मामले का कैदी बंद नहीं है. एक कैदी जो बंद था भी करीब एक साल पहले उसे तिहाड़ की ही दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इस जेल में मौजूदा वक्त में करीब 650 कैदी बंद हैं. यह जेल बहुत ही संकरी है. इसके कमरे (सेल-कोठरी) बहुत छोटी हैं. इन दिनों इस जेल में महिलाओं से छेड़छाड़ या महिलाओं के साथ अन्य अपराध करने वाले अपराधियों को रखा जाने लगा है. इन हालातों में फिलहाल चिदंबरम जैसे हाई-प्रोफाइल कैदी को सात नंबर जेल के भीतर कैद रख पाना सुरक्षा के नजरिए से ठीक नहीं समझा जाएगा.
जेल नंबर-1 में रखे जाने की संभावना
हालांकि तिहाड़ जेल मुख्यालय से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि जेल की जिम्मेदारी अभी तब तक कुछ नहीं है, जब तक कोई कैदी न्यायिक हिरासत में जेल के अंदर नहीं आ जाता है. जहां तक चिदंबरम के आने का सवाल और जेल में उन्हें रखने की बात है, तो जेल को कोई खास इंतजाम नहीं करने हैं. उन्होंने कहा,
‘सब कुछ जेल मैनुअल के हिसाब से पहले से तय है. चूंकि चिदंबरम की उम्र 70 साल के आसपास है. लिहाजा कानूनन उन्हें जेल नंबर-एक की सेल में बंद किये जाने की भी संभावना है. साथ ही सोने के लिए उन्हें लकड़ी का तख्त दिया जाएगा. साथ ही उन्हें कंबल भी जेल की तरफ से मुहैया कराया जाएगा. एअर कंडीशनर और गद्दे के इंतजाम का जेल मैनुअल में कहीं कोई जिक्र नहीं हैं.’
एक अन्य जेल सूत्र ने आगे बताया कि, 'जेल नंबर एक में किसी जमाने में हरिकिशन लाल भगत (एचकेएल भगत 1984 सिख दंगो का आरोपी), चंद्रा स्वामी, मामाजी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम, सन 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में फंसे सुरेश कलमाड़ी, सहारा प्रमुख सुब्रत राय भी रह चुके हैं. 7 नंबर जेल के बजाय एक नंबर तिहाड़ जेल में रखने के पीछे चिदंबरम की सुरक्षा भी प्रमुख वजह होगी.' नाम न खोलने की शर्त पर तिहाड़ जेल के एक आला अफसर ने आईएएनएस को बताया कि, 'यूं तो पूरी तिहाड़ में तमिलनाडू स्पेशल पुलिस लगी है. चिदंबरम के जेल नंबर एक में पहुंचते ही वहां टीएसपी जवानों की संख्या और बढ़ा दी जायेगी.'
ऐसा मिलता है खाना
जेल मैनुअल के हिसाब से एक नंबर जेल में कैद होने वाले कैदियों को एक दाल एक सब्जी चार पांच रोटी मुहैया कराई जाती है. चिदंबरम को भी यही खाना खाने को दिया जाएगा. अलग होगा तो सिर्फ यह कि चिदंबरम को लंगर के खाने की जगह जेल नंबर एक में ही मौजूद अलग रसोईघर में बना भोजन मुहैया कराया जाए. यह सब एहतियातन और सुरक्षा के मद्देनजर जेल मैनुअल के मुताबिक ही बताया जाता है.
तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक अगर चिदंबरम जेल की रसोई का खाना खाने से मना करेंगे तो उन्हें नियमानुसार तिहाड़ जेल कैंटीन से ही कुछ खाने-मंगाने की अनुमति होगी. घर का बना खाना जेल की कोठरी में लाने की सख्त मनाही है. जेल में वो सिर्फ घर से लाए या किसी परिजन के मुहैया कराए गये कपड़े ही पहन पाएंगे.
बता दें कि सीबीआई की कोर्ट ने गुरुवार को ही चिदंबरम को पांच दिन (26 अगस्त तक) के लिए सीबीआई रिमांड पर भेजा है. चिदंबरम तिहाड़ जेल कब भेजे जाएंगे यह 26 अगस्त को अदालत के आदेश पर निर्भर करेगा. बताया गया है कि चिदंबरम को सीबीआई मुख्यालय में मौजूद पांच सुइट्स में से एक (पांच नंबर) में रखा गया है.
कोर्ट ने रिमांड अवधि के दौरान चिदंबरम के परिवार को रोजाना आधा घंटा उनसे मिलने की अनुमति दी है. साथ ही 48 घंटे के अंदर आरोपी की मेडिकल जांच कराने के निर्देश भी अदालत ने जांच एजेंसी को दिये हैं.
(इनपुट IANS)
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